सीरिया की आग जलाएगी हमारे हाथ, बढ़ेगी महंगाई

नई दिल्ली: सीरिया में उठ रही आग की लपटों से भारत का प्रत्यक्ष तौर पर भले ही कोई नाता न हो, लेकिन यह आग हमारे हाथ जला सकती है। सीरिया पर अमेरिका और उसके मित्र देशों की बमबारी के बाद जैसा माहौल तैयार हुआ है, उसे देखकर यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू सकती हैं। दुनियाभर के शेयर बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली है।

दरअसल, क्रूड ऑयल के दाम पहले ही तीन साल से ज्यादा की ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में सीरिया संकट और ईरान पर नए प्रतिबंध की तैयारी से भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम पर असर पड़ना तय है। रिसर्च फर्म जेपी मॉर्गन के मुताबिक, ब्रेंट क्रूड के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकते हैं, फिलहाल, ब्रेंट क्रूड का दाम 71.85 डॉलर प्रति बैरल है।

यह है आशंका

जेपी मॉर्गन के मुताबिक अमेरिका के सीरिया पर हमले के कारण मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है। साथ ही ईरान पर भी अमेरिका नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ा उछाल देखने को मिल सकता है। अगर कच्चे तेल की कीमतें 80 डॉलर तक पहुंचती हैं, तो भारत में ट्रोल-डीजल के दामों में आग लगना तय है। फिलहाल,  मुंबई में पेट्रोल के दाम सबसे ज्यादा है। इस वक्त मुंबई में पेट्रोल के दाम 82 रुपए तक पहुंच चुके हैं। ऐसे में यदि क्रूड में तेजी आती है तो यह आंकड़ा 90 के आसपास पहुंच सकता है।

इसलिए महंगा होगा पेट्रोल

भारतीय ऑयल कंपनियां ज्यादातर तेल आयात करती हैं, साथ ही इसका भुगतान भी अमेरिकी डॉलर में होता है। अगर ब्रेंट क्रूड के दाम बढ़ते हैं तो उन्हें भुगतान भी ज्यादा करना होगा। तेल कंपनियों खुद पर आने वाले बोझ को ग्राहकों की जेब से वसूलेंगी। डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्टेशन महंगा होगा, जिससे खाने-पीने की सभी वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे।

तनाव ऐसे करेगा प्रभावित

जेपी मॉर्गन के मुताबिक, सीरिया ग्लोबल पेट्रोलियम सप्लाई का केवल 0.04 फीसदी ही उत्पादन करता है, जो कि क्यूबा, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान से भी कम है, लेकिन इसके पड़ोस में मौजूद कई देश बड़े तेल उत्पादक हैं।सीरिया की सीमा ईराक से मिलती है, जो  ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज का दूसरा सबसे बड़ा सदस्य है। इसके तुरंत बाद सऊदी अरब और ईरान जैसे बड़े तेल उत्पादक देश हैं। अगर तनाव बढ़ेगा तो तेल की कीमतों पर भी बुरा असर पड़ेगा।