सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को बीमार मां से मिलने की दी इजाजत

नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को अपनी बीमार मां से मिलने की अनुमति दे दी है और उसे 5 दिनों के अंदर वापस लौटने का निर्देश दिया है।

वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि कप्पन की पत्नी उसके नाम पर केरल में पैसा इकट्ठा कर रही है और उसे ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश कर रही है, जिसने बहुत बड़ा बलिदान दिया है।

केरल के यूनियन ऑफ वर्किं ग जर्नलिस्ट्स (केयूडब्ल्यूजे) का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा, डॉक्टरों के अनुसार कप्पन की मां मानसिक रूप से बीमार हैं और शायद उनकी जिंदगी ही कुछ दिन बची है। कृपया उसे 5 दिनों के लिए अपनी मां से मिलने की अनुमति दें।

उधर, उप्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और वी.रामसुब्रमण्यन की पीठ के सामने दलील पेश की कि कप्पन की मां की स्थिति गंभीर नहीं है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया, लेकिन यदि वह मर जाती है, तो आप क्या करेंगे? इस पर मेहता ने कहा, वह इस मामले के भावनात्मक पहलू को समझते हैं, लेकिन केरल में मां से मिलने की अनुमति दिए जाने की स्थिति में कप्पन पर कठोर शर्तें लगाई जानी चाहिए। उनके नाम पर पैसा इकट्ठा किया जा रहा है, जैसे कि वह कोई शहीद हों। शहरभर में उनके बड़े-बड़े पोस्टर लगाए जा रहे हैं, उनकी पत्नी पैसे इकट्ठा कर रही है, जैसे कि उन्होंने राज्य के लिए सेवाएं दी हों। वह पत्रकार नहीं हैं।

इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा न किया जाए। साथ ही कोर्ट ने कप्पन को 5 दिन की सशर्त जमानत दी।

बता दें कि केयूडब्ल्यूजे के सचिव कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया था, जहां कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म के बाद एक दलित युवती की मौत हो गई थी। पुलिस ने आरोप लगाया है कि वह सांप्रदायिक और जातिवादी मतभेदों को भड़काने के लिए हाथरस जा रहे थे।

–आईएएनएस

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