सिख दंगे: 34 साल बाद दो आरोपी दोषी करार

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन – सिख दंगों के 34 साल बाद अदालत ने दो लोगों को दोषी करार दिया है। इन पर दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर गांव में दो सिख युवकों को मौत के घाट उतारने का आरोप था। आपको बता दें कि 2015 में केंद्र सरकार के निर्देश पर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित होने के बाद से सिख दंगों से जुड़ा यह पहला ऐसा केस है, जो तीन सालों के भीतर ही नतीजे पर पहुंच गया।

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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे ने 130 पन्नों के अपने फैसले में नरेश सेहरावत और यशपाल सिंह को हत्या का दोषी करार दिया। हत्या के साथ ही अदालत ने दोनों को हमले के इरादे से घर में जबरन घुसने, हत्या की कोशिश, घातक हथियार से चोट पहुंचाने, डकैती, आग लगाने की शरारत जैसे अपराधों का भी दोषी ठहराया है।

कोर्ट ने कहा कि  गवाहों के बयानों से साफ है कि मृतक हरदेव सिंह और अवतार सिंह की गैरकानूनी रूप से जमा भीड़ ने जानबूझकर हत्या की, जिसमें आरोपी नरेश और यशपाल भी थे। उग्र भीड़ का इरादा सिख संप्रदाय के लोगों की हत्या का था, जो कि नेताओं द्वारा लगाए गए नारों और भीड़ के सदस्यों द्वारा अपने मकसद को अंजाम देने के तरीके से साफ हो रहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपियों ने पीड़ित संगत सिंह, कुलदीप सिंह और सुरजीत सिंह को यह जानते हुए चोट पहुंचाई कि अगर वे मर जाते हैं तो वे हत्या के दोषी होंगे।