मामला दर्ज होने के बाद आदित्य बिर्ला हॉस्पिटल का पलटवार

पिंपरी । समाचार ऑनलाइन
इलाज के पैसे न दे सकनेवाले मरीज को कैद कर रखने और उसके परिजनों से धक्कामुक्की करने को लेकर चिंचवड़ स्थित आदित्य बिर्ला हॉस्पिटल की सीईओ रेखा दूबे समेत तीन लोगों के खिलाफ वाकड़ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसके दूसरे दिन पलटवार करते हुए मरीज के पुत्र और उसकी सहायता के लिए आगे आये सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ वाकड़ पुलिस में शिकायत की है। हॉस्पिटल का कहना है कि इन दोनों ने हॉस्पिटल के कर्मचारियों से धक्कामुक्की करते हुए मरीज के गोपनीय कागजात जबरदस्ती ले लिया।
इससे पहले संजय दशरथ आरडे (38) निवासी कैलाशनगर, पिंपरी ने बिर्ला हॉस्पिटल की सीईओ रेखा दूबे, राजेश दूबे और हॉस्पिटल के बाउंसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। संजय के पिता दशरथ शिवाजी आरडे (72) को अर्धांगवायू का झटका आने से उन्हें 8 अगस्त को आदित्य बिर्ला हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इलाज के लिए उन्होंने 10 हजार रुपए चुकाने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग संबन्धी सभी कागजात हॉस्पिटल प्रबंधन को पेश किए। इसके बावजूद हॉस्पिटल ने उनका निःशुल्क इलाज करने से मना कर दिया।
[amazon_link asins=’B00GSJ45L2′ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’7a39e96b-a75e-11e8-b1d3-bbcae9006934′]
11 अगस्त को उन्हें डिस्चार्ज दिया जाना था मगर बिल चुकाए बिना डिस्चार्ज देने से मना किया गया। यही नहीं उन्हें वार्ड में कैद कर रखा गया, दवा और भोजन तक देना बंद किया गया। यहां तक कि घरवालों को उनसे मिलने से तक रोका गया। जब घरवालों ने मरीज से मिलने की कोशिश की तो हॉस्पिटल के बाउंसरों ने उनके साथ धक्कामुक्की की। इससे त्रस्त आरडे परिवार ने पुलिस आयुक्त से हॉस्पिटल की सीईओ रेखा दूबे और प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई। इसके अनुसार वाकड़ पुलिस ने दूबे समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
क्या है हॉस्पिटल की शिकायत
इसके दूसरे दिन बिर्ला हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से वाकड़ पुलिस में मरीज दशरथ आरडे के पुत्र संजय और सामाजिक कार्यकर्ता अजीज शेख के खिलाफ शिकायत अर्जी दी है। इसमें कहा गया है कि, मरीज दशरथ आरडे की हालत गंभीर रहने से उन्हें विशिष्ट इलाज की जरूरत है। मगर उनके परिजनों से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। बुधवार की शाम सात बजे संजय और अजीज शेख नामक व्यक्ति हॉस्पिटल में आये। यहां उन्होंने कर्मचारियों के साथ धक्कामुक्की की और मरीज के इलाज संबन्धी कागजात, जो कि गोपनीय होते हैं, ले गए। मरीज की गोपनीयता का उल्लंघन करने को लेकर दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग हॉस्पिटल की ओर से की गई है।