उम्र 78 लेकिन टिकट के लिए ‘दिल है कि मानता नहीं’

मौजूदा सरकार के पांच 70 पार नेता, जिनका सत्ता का मोह इनका पीछा नहीं छोड़ रहा 
भोपाल | समाचार ऑनलाइन – राजनितिक चुनाव का दौर शुरू हो चूका है। सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। टिकट के लिए हर पार्टी के कार्यकर्ता अपने-अपने हुनर व भीड़ चमकाने में लगे है। इस दौरान मध्य प्रदेश में बीजेपी दफ्तर के बाहर टिकट मांगने वाले नेताओं की भीड़ लगी है। इस भीड़ में सबसे ज्यादा संख्या उन नेताओं की है जो 70 साल से ज्यादा उम्र के हो चुके हैं। पार्टी युवा चेहरों को आगे करना चाहती है लेकिन इन बुजुर्ग नेताओं को किनारे कर आगे बढ़ना बीजेपी के लिए आसानी नहीं होगा।  70 साल से भी ज्यादा उम्र के ये नेता मध्य प्रदेश बीजेपी के वो चहरे हैं जिन्होंने भोपाल से दिल्ली तक की सियासत देखी है।  विधानसभा से लेकर संसद तक में राजनीति का इनका लंबा इतिहास रहा है। ज्यादातर नेताओं के उम्र 70 के पार जा चुकी है, लेकिन इस उम्र में भी सत्ता का मोह इनका पीछा नहीं छोड़ रहा है।
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम रामकृष्ण कुसमारिया का है जिनकी उम्र 76 साल है। वह पांच बार सांसद और और एक बार शिवराज की कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। लेकिन इस उम्र में भी टिकट की दावेदारी ठोकने ये पार्टी दफ्तर पहुंचे हैं।  टिकट की चाहत रखने वाले उम्मीदवारों में 78 साल के सरताज सिंह भी हैं।  सरताज पांच बार संसद में बैठ चुके हैं और दो बार शिवराज सरकार के मंत्री रहे हैं।  बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री 78 साल के बाबूलाल गौर भी भोपाल के गोविंदपुरा सीट से टिकट के लिए अड़े हैं।  शिवराज सरकार में 75 साल की कैबिनेट मंत्री कुसुम मेहदेले भी चुनाव लड़ना चाहती हैं।  73 साल के रूस्तम सिंह और कैबिनेट मंत्री जयंत मलैया भी मैदान में डटे हैं।
बीजेपी पार्टी युवाओं को आगे मौका देना चाहती है, लेकिन तजुर्बे के आगे पार्टी फ़ैल होती दिख रही है। शिवराज सरकार ने जिन मंत्रियों को 70 साल की उम्र का हवाला देकर बाहर निकाला था। अब वही नेता फिर से टिकट के लिए ताल ठोंक रहे हैं।