अहमदनगर। समाचार ऑनलाइन
जनलोकपाल और किसानों के हित की मांगों को लेकर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने फिर एक बार अनशन की चेतावनी दी है। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर से शुरू किये जाने वाले इस अनशन में देशभर में फैले अपने कार्यकर्ताओं को भी अपने-अपने गांव एवं जिलों में ही आंदोलन शुरू करने का अनुरोध किया है। अन्ना हजारे ने किसानों को दुर्दशा से उबारने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफरिशों को लागू करने की मांग की है। इनमें किसानों के लिए प्रतिमाह 5,000 रुपए पेंशन भी एक मुख्य मांग है।
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2007 हैदराबाद बम ब्लास्ट : पुणे का अकबर इस्माइल चौधरी दोषीबीते दिन अन्ना हजारे ने अपने कार्यकर्ताओं के नाम एक पत्र जारी करते हुए लिखा है कि उन्होंने 23 मार्च 2018 को किसानों को खर्च पर आधारित कृषि पैदावारी के दाम के लिए एवं लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन किया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें अनशन खत्म करने के लिए लिखित आश्वासन देते हुए कहा था कि उनकी मांगों पर जरूर अमल होगा। 5 महीने बीत गए पर अब तक केंद्र सरकार ने इस दिशा में कुछ भी नहीं किया। इसके चलते फिर से अनशन का निर्णय लिया गया है।
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पिछले कुछ सालों से किसान जबरदस्त आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। बयान में आगे कहा गया है कि बार बार आग्रह के बावजूद सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। इस पर नाराजगी जताते हुए अण्णा ने फिर से अनशन पर बैठने की ठान ली है। उन्होंने पिछली बार के आंदोलन से सबक लेते हुए इस बार साफ कह दिया है कि इस बार राजनीतिक दल उनके इस आंदोलन में शामिल नहीं होंगे। हांलाकि माना जा रहा है कि योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, शांति भूषण और कुमार विश्वास जैसे कुछ पुराने सहयोगी अण्णा के आंदोलन को समर्थन देने पहुंच सकते हैं।