मराठा आरक्षण के लिए एक और युवक ने मौत को लगाया गले

 समाचार ऑनलाइन
 
पूरे महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन की आंच तेज होती जा रही है। आरक्षण की मांग को लेकर उस्मानाबाद जिले के देवलाली गांव में एक 19 साल की छात्रा ने जहर पीकर अपनी जान दे दी। अभी यह घटना ताजी है कि औरंगाबाद में उमेश इंडाइत नामक 21 वर्षीय युवक ने बेरोजगारी से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया। मैं मराठा हूं, इसलिए मुझे नौकरी नहीं मिल रही क्या? यह सवाल उसने अपने सुसाइड नोट में उठाया है।
औरंगाबाद शहर की चौधरी कॉलोनी की इस घटना में सुसाइड करनेवाले उमेश ने अपनी सुसाइड नोट में अपने माता- पिता का सपना साकार न कर सकने को लेकर उनसे क्षमा भी मांगी है। उसने लिखा है कि, मेरी पढाई अधूरी रह गई। बीएससी करने के बाद भी मुझे नौकरी नहीं मिल रही। क्या मैं मराठा हूं इसलिए नौकरी नहीं मिल पा रही है? उमेश की मौत से जहां उसके परिजनों को आघात पहुंचा है वहीं उसके सुसाइड नोट ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।
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उस्मानाबाद में छात्रा ने पिया जहर
इससे पहले उस्मानाबाद जिले के देवलाली गांव में तृष्णा तानाजी माने (19) नामक छात्रा ने जहरीली दवा पीकर अपनी जान दिए जाने का मामला सामने आया है। वह बी कॉम के द्वितीय वर्ष में पढ़ रही थी। मराठा आरक्षण आंदोलन में वह सक्रिय थी मराठा मूक मोर्चा में भी उसने हिस्सा लिया था। फिलहाल पूरे महाराष्ट्र में शुरू मराठा आंदोलन से वह काफी बेचैन थी। इसी बेचैनी में उसने बुधवार को घर में ही जहर पी लिया। इलाज के दौरान गुरुवार की शाम छह बजे के करीब उसकी मौत हो गई।
अंतिम संस्कार न करने की भूमिका से तनाव
तृष्णा की मौत से पूरे जिले में आक्रोश व्याप्त है। उसके परिजनों औऱ ग्रामीणों ने आरक्षण के बारे में फैसला होने तक उसका अंतिम संस्कार न करने की भूमिका अपनाए जाने से काफी तनाव का माहौल बना रहा। हांलाकि प्रशासन के बीचबचाव और समझाने के बाद दोपहर दो बजे के करीब छात्रा का अंतिम संस्कार किया गया। नौकरी तथा शैक्षिक संस्थाओं में 16 फीसद आरक्षण की मांग को लेकर इससे पहले 6 लोग खुदकुशी कर चुके हैं। 31 जुलाई को बीड़ में 35 साल के अभिजीत देशमुख की खुदकुशी कर ली थी।
अब तक इन लोगों ने दी आहुति
30 जुलाई को औरंगाबाद की मुकुंदवाडी में प्रमोद होरे पाटिल नामक 31 वर्षीय युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। उसने खुदकुशी से पहले फेसबुक पर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सुसाइड करने की पोस्ट अपलोड की थी। 29 जुलाई को नांदेड़ के दाभड़ में कचरू दिगंबर कल्याणे नामक 42 साल के युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। 24 जुलाई को जगन्नाथ सोनवणे नामक किसान ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली। इसके पहले 22 जुलाई को औरंगाबाद के कायगांव टोका गांव में काकासाहेब शिंदे नामक युवक ने गोदावरी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। यहीं से मराठा आंदोलन की आग पूरे महाराष्ट्र में भड़की है।