मंत्रिमंडल में पिंपरी चिंचवड़ या मावल, किसे मिलेगा इंसाफ? 

उपचुनावों के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार; भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने दिए संकेत

मुंबई। पुणे समाचार

बीते सालभर से मंत्रिमंडल विस्तार की महज चर्चा ही जारी है, मंत्री पद की कुछ सीटें रिक्त छोड़ सत्तादल भाजपा पार्टी व सहयोगी दलों के असंतुष्टों को आश्वासन का गाजर दिखाती रही है। हालांकि अब खुद पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने उपचुनावों के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत दिए हैं, इससे मंत्री पद की बाट जोह रहे नेताओं में उम्मीदों की किरण जाग उठी है। इन नेताओं में पुणे के पिंपरी चिंचवड़ और मावल के विधायक भी शुमार हैं। अब विस्तार में मंत्री पद की लॉटरी मावल को लगती या पिंपरी चिंचवड़ को? इसकी ओर निगाहें टिकी है।

एक मराठी खबरिया चैंनल के साक्षात्कार में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार होना तय बताया है। इससे सालभर के लिए क्यों न हो अपने नाम के आगे मंत्री पद का नाम जोड़ने की मंशा रखनेवाले नेताओं की गतिविधियां तेज हो चली है। इसकी वजह भी उतनी ही मजबूत है। बीते सालभर से मंत्रिमंडल के विस्तार की सिर्फ चर्चा भर जारी है, परोक्ष में उसे मुहूर्त नहीं मिल सका है। खुद भाजपा के कोटे में मंत्रिपद की 4 सीटें खाली पड़ी है। हर बार चर्चा शुरू होकर खत्म हो जाती है ठोस कोई कार्यवाही नहीं होती, इससे नेताओं में नाराजगी व्याप्त है।

असल हर सत्ताधारी दल मंत्रिमंडल की कुछ सीटें रिक्त रख पार्टी व सहयोगी दल के असंतुष्टों को गाजर दिखाते रहता है, इसमें भाजपा भी अपवाद नहीं है। मंत्री पद की रेस में भाजपा के मावल से बाला भेगड़े और पिंपरी चिंचवड़ से लक्ष्मण जगताप व महेश लांडगे ये विधायक तीव्र इच्छुक हैं। इनमें जगताप व भेगड़े वरिष्ठता के आधार पर आगे हैं, जबकि पहली बार विधायक चुने गए लांडगे ने निर्दलीय रहने के बावजूद भाजपा को बिनशर्त समर्थन दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस की पिंपरी चिंचवड़ में बीते 15 सालों की सत्ता को उखाड़ फेंक मनपा पर पहली बार भाजपा का परचम लहराने में विधायक जगताप व लांडगे की अहम भूमिका रही। मनपा में सत्ता आयी तो मंत्रिपद निश्चित, यह आश्वासन खुद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इन दोनों विधायकों को दिया था। अब मन्त्रिमण्डल के विस्तार में इन तीनों में किसे मौका मिलता है? इसकी उत्सुकता बढ़ गई है।