केंद्र और राज्य सरकारें ‘मॉब लिन्चिंग’ पर बनाएं कानून: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन

देश की सर्वोच्च अदालत ने देशभर में गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा (मॉब लिन्चिंग) के मामले में सख्त रुख अख्तियार करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को इस मामले में कानून बनाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें 4 सप्ताह के भीतर मॉब लिन्चिंग पर दिशा-निर्देश जारी करें। इस मामले में पर अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए एम खानविलकर और न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि भीड़ की हिंसा को समान्य नहीं मान सकते। इसे रोकने के लिए देश की संसद विचार करे और कानून बनाए।

कोई भी कानून हाथ में नहीं ले सकता

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर कोई भी शख्स कानून को हाथ में नहीं ले सकता है।गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा के लिए कानून व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है।

हिंसा रोकने का काम राज्य सरकारों का

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर देश में हो रही हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि भीड़ द्वारा हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकार और राज्य की पुलिस की है।