खतरे का इशारा मिलने के बाद भी कॉसमॉस बैंक ने की अनदेखी

पुणे : पुणे समाचार 
कॉसमॉस बैंक के ऑनलाइन सिस्टम बहुत सी खामियां हैं, कुछ महीनों पहले ही वीसा और स्विफ्ट की ओर से खतरे का इशारा दिया गया था। लेकिन बैंक की अनदेखी की वजह से हैकर ने मालवेअर वायरस के जरिए 94 करोड़ का ऑनलाइन साइबर हमला किया था। यह बात जांच में सामने आयी है। साथ ही कॉसमॉस के एटीएम कार्ड की जानकारी कहां से चुरायी गई, इसकी भी जांच की जा रही है।
कॉसमॉस बैंक का सर्वर बैक कर भारत सहित 29 देशों से 94 करोड़ रुपए निकाले गए हैं। इस मामले में चतुश्रृंगी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। साइबर सेल द्वारा इस मामले में जांच शुरू है। जांच के लिए एसआईटी स्थापित की गई है। मुंबई, हैदराबाद स्थित साइबर विशेषज्ञों का समावेश किया गया है। राज्य के साइबर अपराध विभाग के प्रमुख विशेष पुलिस महानिरीक्षक ब्रिजेश सिंह ने बुधवार को कॉसमॉस के मुख्यालय में निरीक्षण किया था।
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पुलिस द्वारा किए गए जांच में कॉसमॉस बैंक की ओर से ऑनलाइन बैंकिंग, एटीएम सुविधा में बहुत सी खामियां होने की बात सामने आयी है। करीबन पांच से सात महीनों से हैकर ने बहुत से बैंकों के एटीएम के सर्वर हैक करने की कोशिश की थी। लेकिन बाकी बैंकों के सिस्टिम में तुरंत सुधार किया गया था और आनेवाले खतरे को टाल दिया गया था। कॉसमॉस बैंक को भी इस बारे में बार बार खतरे का इशारा दिया गया था, लेकिन बैंक द्वारा अनदेखी किए जाने की बात सामने आयी है।
हैकर ने कॉसमॉस बैंक के एटीएम कार्ड क्लोन कर पैसे निकाले हैं। जिसमें कुछ एटीएम कार्ड की जानकारी की जांच की गई, जिसमें बहुत से कार्ड की एक्सपाइयरी समाप्त होने की बात सामने आयी है। इसलिए कॉसमॉस के एटीएम कार्ड की जानकारी कैसे चोरी हुई, कार्ड क्लोनिंग कैसे किया गया और 28 देशों में कैसे पहुंचा। इसकी बात की जांच एसआईटी द्वारा की जाएगी। यह जानकारी सूत्रों द्वारा प्राप्त हुई। हैकर ने पोलंड, टर्की, अमेरिका, इंग्लैंड, हांगकांग, रशिया, कैनडा, दुबई सहित 28 देशों से पैसे निकाले गए हैं। यह जानकारी सूत्रों द्वारा प्राप्त हुई है।