दाभोलकर हत्याकांड: सचिन अंधुरे 26 तक सीबीआई की कस्टडी में

पुणे। समाचार ऑनलाइन
डॉ नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में महाराष्ट्र एटीएस और सीबीआई की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार सचिन प्रकाशराव अंधुरे नामक आरोपी को रविवार को पुणे की सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। यहां उसे 26 अगस्त तक सीबीआई कस्टडी में भेजने का आदेश दिया गया। अब तक की जांच में सचिन का हत्या में परोक्ष सहभाग सामने आया है। बताया जा रहा है कि डॉ दाभोलकर पर गोली उसी ने चलाई थी। पूरे पांच साल बाद इस हत्याकांड में की गई यह गिरफ्तारी सीबीआई के लिए काफी अहम मानी जा रही है।
नालासोपारा और पुणे से भारी मात्रा में विस्फोटक और अवैध असलहे बरामद करने के बाद एटीएस ने नालासोपारा से वैभव राउत, शरद कलसकर और पुणे से सुधन्वा गोंधलेकर को गिरफ्तार किया है। ये तीनों 28 अगस्त तक कस्टडी में भेजे गए हैं। उनमें से कलसकर के डॉ नरेंद्र दाभोलकर की हत्या में शामिल रहने की जानकारी हासिल हुई। पूछताछ में उसने अपने साथी सचिन अंधुरे का नाम बताया। इस आधार पर एटीएस ने सचिन को औरंगाबाद से गिरफ्तार किया। कलसकर और उससे मिली जानकारी मैच होने के बाद सचिन को दाभोलकर हत्या की जांच में जुटी सीबीआई के हवाले किया गया है।
सीबीआई ने आज सुबह उसे पुणे की सीबीआई अदालत में पेश किया, जहां उसे 26 अगस्त तक सीबीआई की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया गया। डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या को पांच साल बीतने के बाद उनपर फायरिंग करनेवाले को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल हुई है। सीबीआई जल्द ही इस हत्या की साजिश के गहरे राजों से पर्दा उठायेगी, यह उम्मीद जताई जा रही है।
गौरतलब हो कि, डॉ नरेंद्र दाभोलकर ने राज्यभर में अंधश्रद्धा के खिलाफ जनजागृति का कार्य किया था। 20 अगस्त 2013 को बालगंधर्व रंगमदिर के समीप ओंकारेश्वर मंदिर के सामने मॉर्निंग वॉक के लिए निकले दाभोलकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर दो की संख्या में थे और वे एक काले रंग की स्प्लेंडर बाइक पर सवार होकर आए थे। उन्होंने दाभोलकर चार राउंड गोलियां चलाई थी जिसमें से दो गोलियां सिर में लगने से दाभोलकर की मौत हो गई थी। पुणे पुलिस को लगातार मिल रही नाकामियों के चलते मई 2014 में मामले की जांच सीबीआई को सौंपा गया।