पुणे के ‘इस’ कॉलेज में प्रोफेसर से हल करवाया गया निदेशक की पत्नी का प्रश्रपत्र

पुणे। समाचार ऑनलाइन

शिक्षा का मायका कहे जाने वाले पुणे शहर के एक नामी कॉलेज के निदेशक ने अपनी पत्नी का प्रश्नपत्र कॉलेज के एक प्रोफेसर से हल करवाने का मामला सामने आया है। यह बात खुद उस प्रोफेसर ने उजागर की है, जिसने एक नोटराइज्ड हलफनामा पेश कर इसकी शिकायत की है। हांलाकि कॉलेज प्रबंधन और उस निदेशक ने इस आरोप को सिरे से नकारा है, यही नहीं आरोप गलत साबित होने की सूरत में प्रोफेसर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की चेतावनी भी दी है।

यह मामला पुणे के नरहे क्षेत्र के झील काॅलेज आॅफ इंजीनियरिंग का है। यहां के एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने कॉलेज के प्रिंसिपल और कार्यकारी निदेशक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी को पेश किए एक हलफनामे में उक्त आरोप लगाए गए हैं। प्रोफेसर का कहना है कि उन्हें एक छात्रा का पेपर लिखने के लिए मजबूर किया गया। यह छात्रा कोई और नहीं बल्कि झील एजुकेशन इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक जयेश काटकर की पत्नी स्नेहल जगताप है, जो इस कॉलेज में एमई की पढ़ाई कर रही हैं।

पुणे यूनिवर्सिटी को पेश किये गए एक नोटरीकृत हलफनामे में प्रोफेसर ने बताया है कि, स्नेहल वहां की प्रथम वर्ष की छात्रा है। उसे पिछले वर्ष 12 दिसंबर से 26 दिसंबर के बीच पांच पेपर देने थे। इन परीक्षाओं में स्नेहल की जगह प्रोफेसर को पेपर लिखने को कहा गया था। परीक्षा के दौरान स्नेहल को बाकी छात्रों से अलग प्रिंसिपल के दफ्तर में बैठाया गया था। यही नहीं उसके अलावा एक और प्रोफेसर भी इसमें शामिल था जिसने उन्हें एक किताब से सभी उत्तर लिखने के निर्देश दिए थे। प्रोफेसर उस कॉलेज में केमिस्ट्री पढ़ाया करते थे। उन्होंने यूनिवर्सिटी को दिये हलफनामे में इस गोलमाल के मामले में उन्हें माफी का गवाह बनाने की मांग की है और इसकी जांच में पूरा सहयोग देने का भरोसा भी दिलाया है।

इस मामले में कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि, वो प्रोफेसर वहां कार्यरत नहीं है, उसका मई के आखिरी सप्ताह में ही करार खत्म हो गया था। अधिकारियों का कहना है कि उसे कई बार फोन किया गया लेकिन उनका कोई जवाब नही आया। इस मामले की रिपोर्ट को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने संज्ञान में लिया है और इसके जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं। दूसरी तरफ जयेश काटकर ने इन आरोपों को झूठा बताया है और उनका कहना है कि हम पूछताछ का सामना करने को तैयार हैं। हांलाकि उन्होंने ये चेतावनी भी दी है कि एक बार आरोप गलत साबित हो जाने पर हम मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगे। बहरहाल इस मामले से शिक्षा का मायका पुणे के शैक्षिक क्षेत्र में खलबली मच गई है।