सत्ता जाने के माहभर में ही नजर आने लगा असंतोष

पिंपरी। संवाददाता : पानी की किल्लत और रिहायशी अवैध निर्माणकार्यों से वसूले जानेवाले शास्तिकर माफी के मुद्दे पर विधिमंडल के शीतकालीन सत्र में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करने की घोषणा भाजपा शहराध्यक्ष विधायक लक्ष्मण जगताप ने की है। इन मसलों इस पर पिंपरी चिंचवड मनपा में विपक्षी दल के नेता नाना काटे ने तंज कसा है कि सत्ता जाने के माहभर के भीतर ही शहर के विधायकों के लोगों के भीतर रहा असंतोष नजर आने लगा है। जब सत्ता में थे तब शास्तिकर माफी का मसला हल नहीं कर सके और पानी की किल्लत की बात कर रहे हैं जबकि पवना बांध का जलसंचय 95 फीसदी रहने के बाद भी शहरवासियों पर पानी की कटौती भाजपा ने ही लादी है।
शहर के अवैध निर्माणों को शास्तिकर माफी देने का मसला हल नहीं हो रहा, यह बताकर विधायक लक्ष्मण जगताप ने 2014 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में प्रवेश किया। भोसरी के विधायक महेश लांडगे ने भी भाजपा को समर्थन दिया। सत्ता में रहते पांच सालों में दोनों विधायक शास्तिकर माफी का मसला हल न कर सके। कुछ हद तक शास्तिकर से लोगों को राहत मिली है यह बताकर विधायक जगताप अपनी विफलताओं को छिपाने की कुछ कोशिश रहे हैं। सरकार ने समय-समय पर घोषणा की कि 1000 वर्ग फुट तक के अवैध निर्माण कार्य को शास्तिकर से छूट दी गई। उस समय, स्थानीय भाजपा विधायकों और पदाधिकारियों ने पटाखे फोड़े और मिठाई बांटकर खुशियां मनाई।
पिंपरी चिंचवड मनपा की सत्तारूढ़ भाजपा ने 25 नवंबर से शहर में पानी की कटौती करने का फैसला किया है। जबकि शहर को पानी की आपूर्ति करने वाले पवना बांध में आज भी 95 प्रतिशत पानी है। प्रशासन के नियोजनशून्य कामकाज के चलते आज, शहर में पानी की किल्लत बनी हुई है। कई जगह दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। शहर में समान जलापूर्ति करने की योजना के काम अधर में लटके हुए हैं। भाजपा के विधायकों का कहना है कि पानी की उचित नियोजन के अभाव में कटौती करनी पड़ी है। पिछले पांच सालों से वह नागपुर की ताल पर नृत्य करते रहे हैं। अब सत्ता जाने के बाद फिर से इन मसलों के लिए नागपुर में जाकर आवाज उठाने की जरूरत क्यों आयी? इसका आत्मपरीक्षण विधायकों को करने की सलाह भी विपक्ष के नेता काटे ने दी है।