बोपखेल से पुणे की 5 व पिंपरी चिंचवड़ की 7 किमी से घटेगी दूरी

पिंपरी । समाचार ऑनलाइन

सीएमई (कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग) द्वारा आवागमन का रास्ता बंद किये जाने से पुणे और पिंपरी चिंचवड़ से तकरीबन 20 किमी दूर हुए बोपखेलवासियों को राहत मिल गई है। रक्षा विभाग ने बोपखेल से खड़की को जोड़नेवाले मुला नदी के ब्रिज के निर्माण को शर्तिया हरी झंडी दिखा दी है। इस ब्रिज के निर्माण के बाद बोपखेल से खड़की एक, पुणे पांच और पिंपरी चिंचवड़ सात किमी की दूरी पर आ जायेगा। इससे बोपखेलवासियों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।

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दिघी और दापोडी के बीच बसे बोपखेल के लिए सीएमई की सीमा से गुजरनेवाली सड़क पर 13 मई 2015 से सार्वजनिक यातायात बंद की गई है। सुरक्षा के लिहाज से सीएमई द्वारा किया गया यह फैसला बोपखेल पुणे और पिंपरी चिंचवड से दूर हो गया। यहां के लोग दिघी से विश्रांतवाडी होकर पुणे और भोसरी होकर पिंपरी चिंचवड शहर पहुंचने के लिए विवश हो गए।

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इस फ़ैसले के विरोध में स्थानीय लोगों ने 21 मई 2015 को आंदोलन किया जिसे अचानक हिंसक मोड़ मिला। लोगों के पथराव और पुलिस के लाठीचार्ज में कई पुलिसवाले और ग्रामीण घायल हुए। एक पुलिस कर्मी की इलाज के दौरान मौत भी हो गई। पुलिस ने 200 से से भी ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, खड़की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जारी है।

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रक्षा विभाग, पिंपरी चिंचवड़ मनपा, जिलाधिकारी कार्यालय की पहल से मुला नदी पर तैरता हुआ पीपा पुल का निर्माण किया गया। इससे बोपखेलवासियों को थोड़ी राहत मिली ही थी कि 7 जून 2016 को इस पुल को भी हटा लिया गया। इससे पहले पिंपरी मनपा ने अप्रैल माह में बोपखेल के लिए नदी पर पुल और उसे जोड़नेवाले दोनों तरफ के रास्तों को मंजूरी दी। हालांकि इसके लिए रक्षा विभाग की मंजूरी मिलनी बाकी थी। अब रक्षा विभाग के उपनिदेशक (भूमि) ने पुल और रास्ते के लिए 16 हजार 122 वर्ग मीटर की अपनी भूमि देने को लेकर मंजूरी दी है। यही नहीं पुल और रास्ते की रुपरेखा को भी रक्षा विभाग ने मंजूरी दी है।

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इसके लिए उतनी ही कीमत की जमीन रक्षा विभाग को उपलब्ध कराने जैसी कई शर्तें भी रखी है। इसमें पुल का इस्तेमाल करनेवालों की तलाशी के अधिकार सुरक्षित रखने, पुल की जगह पर किसी भी परियोजना को अनुमति न देने, रक्षा विभाग की मिल्कियत की दुरुस्ती और पुनर्निर्माण का जिम्मा मनपा का होगा, भारी वाहनों को पुल पर मनाही, पुल की ऊंचाई समान ऊंचा वॉच टॉवर (स्वच्छता गृह की सुविधा समेत) बनाकर देने जैसी शर्तों का समावेश है। इन शर्तों की पूर्तता के लिए आनेवाली लागत का प्रस्ताव स्थायी समिति के समक्ष पेश किया जाएगा। साथ ही मनपा के पास उतनी जमीन उपलब्ध न रहने से उसके मुआवजे के तौर पर 25 करोड़ रुपए राज्य सरकार के पास जमा करने की तैयारी मनपा ने दर्शायी है। इसकी जानकारी बीआरटी विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रमोद ओनभासे ने दी।