डीएसके गबन मामला: बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 4 अधिकारी समेत 6 गिरफ्तार

पुणे। पुणे समाचार ऑनलाइन

निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में पुणे के जानेमाने बिल्डर और उद्योगपति डीएसके पुलिस की गिरफ्त में है। गबन के इस मामले में अब एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इस मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अध्यक्ष समेत चार अधिकारियों समेत छह लोगों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। इन सभी को आज पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

जिन छह लोगों को आज आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है उनमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीएमडी रविंद्र मराठे, कार्यकारी निदेशक राजेन्द्र गुप्ता, पूर्व सीएमडी सुशील मुत्थूट, जोनल मैनेजर नित्यानंद देशपांडे, डीएसके के सीए सुनील घाटपाण्डे, वीपी इंजीनियरिंग विभाग के राजीव नेवास्कर का समावेश है। आरोप है कि ये सभी डीएसके के गबन में शामिल थे। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अधिकारियों की गिरफ्तारी से बैंकिंग क्षेत्र में खलबली मच गई है।

डीएसके की कई कंपनियां है, जिनमें से कई कंपनियां केवल कागजों तक ही सीमित रही। इन कंपनियों को भी बैंक से कर्ज दिए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। इसमें कोई तथ्य है या नहीं? यह जानने के लिहाज से बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अध्यक्ष समेत चार अधिकारियों के साथ डीएसके के सीए और इंजीनियर को आज पूछताछ के लिए आर्थिक अपराध शाखा के दफ्तर
बुलाया गया था। पूछताछ के बाद सभी को धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया।

गौरतलब हो कि, निवेशकों के पैसों के गबन के मामले में डीएसके और उनकी पत्नी हेमंती के खिलाफ शिवाजीनगर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी खारिज किए जाने के बाद पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने डीएसके दंपति को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस कस्टडी में भेजने के आदेश देने के दौरान ही गश खाकर गिरने से डीएसके को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्हें येरवडा जेल रवाना किया गया।

गबन के मामले की व्याप्ति बढ़ते जाने से डीएसके के रिश्तेदारों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। इस मामले में पुलिस ने अदालत में चार्जशीट भी दाखिल की है। अभी यह जांच और मामले की सुनवाई जारी ही है कि इस मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अध्यक्ष व अधिकारियों के भी इस घोटाले में लिप्त रहने की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अधिकारियों पर आरोप है कि डीएसके की उन कंपनियों जो कि मात्र कागजो तक ही सीमित रही, उन्हें भी कर्ज दिया गया। उनकी गिरफ्तारी से पुणे के बैंकिंग क्षेत्र में खलबली मच गई है।