छुट्टी का पारिश्रमिक नहीं मिलने से मनपा सफाई कर्मचारियों में भारी नाराजगी

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – शहर की स्वच्छता के लिए गंदगी में उतरकर साफ-सफाई करने वाले पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के सफाई कर्मचारियों को छुट्टी के अतिरिक्त पारिश्रमिक से वंचित रहना पड़ रहा है। सफाई कर्मचारी पूछ रहे हैं कि शहर स्वच्छता पर करोड़ों रुपए खर्च करने वाली मनपा सफाई कर्मचारियों को ओवरटाइम का पैसा क्यों नहीं दे रही है? सफाई कर्मचारियों ने 28 दिन के ओवरटाइम का पैसा तुरंत नहीं मिलने पर काम बंद करने की चेतावनी दी है। मनपा स्वास्थ्य विभाग शिकायत निवारण समिति के उपाध्यक्ष एड् सागर चरण ने बताया कि मनपा प्रशासन द्वारा सफाई कर्मचारियों को समय पर सुरक्षा के सामान व वेतन नहीं मिल रहा है।

पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के स्वास्थ्य विभाग में स्थायी रूप से 1,763 सफाई कर्मचारी काम करते हैं। उनके परिश्रम की वजह से शहर में लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। ये सफाई कर्मचारी बिना रुके साल भर स्वच्छता का काम करते हैं। 28 सार्वजनिक छुटिटयों में भी सफाई कर्मियों को काम पर बुलाया जाता है। महाराष्ट्र दुकान और आस्थापना अधिनियम के अनुसार इस काम के बदले उन्हें डेढ़ गुणा अतिरिक्त मेहनताना दिया जाता है। मौजूदा वित्त वर्ष में गांधी जयंती से अनंत चतुर्थी की छुटिटयों को जोड़कर सफाई कर्मचारियों को दिवाली में अतिरिक्त मेहनताना देने की प्रथा है। वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है, लेकिन इस वर्ष यह परंपरा टूट गई।

दिवाली समाप्त होने के बाद अभी तक अतिरिक्त पारिश्रमिक नहीं दिए जाने से सफाई कर्मचारियों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है। सफाई कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता की वजह से इस तरह की परिस्थिति उत्पन्न होने का आरोप लगा रहे हैं। इस मुद्दे पर आक्रामक हुए सफाई कर्मचारियों ने बुधवार को एकजुट होकर काम बंद करने की चेतावनी दी।

सफाई कर्मचारियों को लेकर प्रशासन उदासीन : एड्. चरण
मनपा स्वास्थ्य विभाग शिकायत निवारण समिति के उपाध्यक्ष एड्। सागर चरण ने बताया कि मनपा प्रशासन द्वारा सफाई कर्मचारियों को समय पर सुरक्षा के सामान व मासिक वेतन नहीं दिए जाते हैं। स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। स्मार्ट सिटी शहर में शामिल होने से सफाई कर्मचारियों का महत्व बढ़ा है। इसके बावजूद उनको अपने अधिकार के लिए लड़ना पड़ रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सफाई कर्मचारियों को ड्रेस, साबुन, टॉवेल, मास्क और बारिश में बूट, रेनकोट देना मनपा के लिए अनिवार्य है, लेकिन सभी कर्मचारियों को यह सामान नहीं मिलता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अधिकांश कर्मचारियों को खुद तक पहुंचने नहीं देते हैं। ये अधिकारी सीनियर अधिकारियों का सहारा लेते हैं।