जेल से निकलते ही महिला प्रदर्शनकारियों ने लगाया यह गंभीर आरोप

भोपाल। समाचार एजेंसी

भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ प्रदर्शन करने के बाद जेल भेजी गई 9 लड़कियों ने बाहर आते ही जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह पुलिस आरक्षक भर्ती में 3 सेंटीमीटर की छूट को लेकर तीन दिन से धरने पर बैठी थीं। मुख्यमंत्री की सभा में नारेबाजी करने के बाद उनकी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और अगले दिन कोर्ट ने जमानत पर रिहा किया। बाहर आते ही उन्होंने आरोप लगाया कि, जेल में उनका प्रेगनेंसी टेस्ट कराया गया और चेंजिंग रूम में पुरूष कर्मचारी भीतर तांकझांक कर रहे थे।

लड़कियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि, जेल में उनके साथ जो कुछ हुआ उससे उनके सम्मान को ठेस पहुंची है। वह इस बात की शिकायत महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग से करेंगी। जेल में उन्हें उन कैदियों के साथ बिठाया गया जो हत्या जैसे गंभीर जुर्म में गिरफ्तार हुए थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने हमसे वादा किया था कि पुलिस आरक्षक की भर्ती में 3 सेंटीमीटर की छूट दी जाएगी। इस वादे की याद दिलाने की कोशिश की तो फिर इसमें क्या गुनाह किया? यह सवाल भी उन्होंने उठाया।

क्या है मामला

बुधवार को भोपाल के लालपरेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया से नाराज लड़कियों ने पहुंचकर हंगामा किया और नारेबाजी की। उनका कहना था कि लिखित और शारिरिक परीक्षा पास करने के बाद सिर्फ लंबाई कम होने के कारण उन्हें भर्ती से बाहर कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि महिलाओं को लंबाई में 3-4 सेंटीमीटर की छूट दी जाएगी। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके चलते उनको मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में आना पड़ा। यहाँ हंगामा करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया और जेल भेजा गया। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बाहर निकलकर उन्होंने आरोप लगाया कि, जेल में 9 लड़कियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया। जो कि उनकी निजता का उल्लंघन है। साथ ही पुलिस कांसटेबल उनके चेंजिंग रूम में भी तांक- झांकी करते रहे। जेल प्रशासन ने जेल में बंदी के रूप में आनेवाली महिलाओं का प्रेग्नेंसी टेस्ट समेत मेडिकल परीक्षण कराने को सामान्य प्रक्रिया बताया है। मगर तांक-झांकी वाले मामले में मात्र चुप्पी साध ली।