बिजली दर में वृद्धि को लेकर उद्योगपतियों में गुस्सा

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – बिजली नियामक आयोग ने डाक्यूमेंट्स में बिजली दर में 3 से 7 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई है। इसके बावजूद बिजली बिलों में वृद्धि 25 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इसे लेकर उद्योगपतियों में भारी नाराजगी है। राज्य के सभी उद्योगपतियों व औद्योगिक संगठनों को अपने जिले के मंत्री, सांसद, विधायकों और सरकार से जवाब मांगने की अपील पिंपरी-चिंचवड़ लघु उद्योग संघटना के अध्यक्ष संदीप बेलसरे ने की है।
संदीप बेलसरे ने कहा कि आयोग द्वारा बिजली दर में की गई वृद्धि के अनुसार राज्य के सभी उद्योगपतियों को दूसरा बिल मिला है। डाक्यूमेंट्स में बिजली वृद्धि दर 3 से 7 प्रतिशत है, लेकिन राज्य के सभी औद्योगिक ग्राहकों को मिलने वाला 7 प्रतिशत पॉवर फैक्टर इन्सेंटिव पूरी तरह से गायब है।
इस तरह से बिजली दर में सही अर्थों में 10 से 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा अधिकांश बिजली ग्राहकों के बिलों में पॉवर फैक्टर पेनल्टी का बोझ पड़ा है। इस तरह ग्राहकों के बिजली बिल में 15 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। औद्योगिक बिजली ग्राहकों में इसे लेकर भारी नाराजगी का वातावरण है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में उद्योग स्पर्धा में नहीं टिक पाएंगे। राज्य में बिजली की कीमत आसपास के सभी राज्यों से 20 से 35 प्रतिशत अधिक है।
आयोग ने 15 प्रतिशत यानी 20, 651 करोड़ रुपए के बिजली वृद्धि दर को मंजूरी दी है। इनमें से केवल 5 हजार करोड़ रुपए बिजली वृद्धि दर किसी तरह लागू हुई है। अगले वर्ष 8,268 करोड़ रुपए की वृद्धि दर लागू होगी। जबकि शेष 12 हजार 382 करोड़ रुपए की रकम अप्रैल 2020 के बाद नियामक भत्ते के रूप में ब्याज के साथ ग्राहकों से वसूलेगी। फिलहाल लागू हुई बिजली दर वृद्धि से इतना बड़ा झटका लगा है।
आगे होने वाली वृद्धि से कितना बुरा और खतरनाक परिणाम होगा इस पर विचार करते हुए राज्य की सभी औद्योगिक संघटना व जनप्रतिनिधियों द्वारा इसका विरोध करना चाहिए। उद्योगों, बिजली ग्राहकों और राज्य के हितों के लिए निर्णय लिया जाए। इसके लिए प्रयास व आंदोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। इस पर सभी बिजली ग्राहक विचार करें।