प्ले ग्रुप, नर्सरी व केजी में प्रवेश के लिए स्कूलों की वेबसाइट पर सूचनाएं जारी

पुणे l समाचार ऑनलाइन – शहर की प्रमुख अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पूर्व प्राथमिक (प्ले ग्रुप,नर्सरी,केजी) की प्रवेश प्रक्रिया नवंबर इसी महीने से शुरू होगी। कई स्कूलों की वेबसाइट पर प्रवेश की जानकारी दी गई है। जून 2019 में इन स्कूलों में क्‍लास की शुरुआत होगी। करीब 7 महीने पहले अभिभावकों को बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए भागदौड़ करनी पड़ेगी। सीटों की संख्या कम होने और विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने का फायदा उठाते हुए स्कूलों ने फीस में भारी वृद्धि की है।

शहर के प्रमुख अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में सीटों की संख्या और प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों की संख्या में काफी बड़ा अंतर है। कई अभिभावकों को प्रसिद्ध अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में प्रवेश लेना होता है अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में सीटें कम होती है। ऐसे में अपने बच्चों का इन स्कूलों में प्रवेश दिलाना अभिभावकों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। स्पर्धा के इस युग में 17-18 महीने के बच्चों को प्ले ग्रुप में प्रवेश दिलाया जा रहा हअ राज्य शिक्षा विभाग ने हर स्तर पर प्रवेश के लिए विशेष उम्र सीमा तय कर रखी है, लेकिन प्राइवेट अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों द्वारा इसका सीधा उल्‍लंघन किया जा रहा है। अभिभावकों को इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है।

शहर के प्रमुख स्कूलों की वेबसाइट पर नोटिस दिया गया हअ वेबसाइट पर प्रवेश आवेदन ऑनलाइन उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा नर्सरी में प्रवेश के लिए कितनी सीटें उपलब्ध है, इसकी जानकारी दी गई है। कुछ स्कूलों ने वेबसाइट पर प्रवेश आवेदन भरकर स्कूलों में जमा करने की सूचना दी हअ प्ले ग्रुप, नर्सरी, केजी जैसे पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए सरकार की कोई नियमावली या कानून नहीं है। पूर्व प्राथमिक स्कूलों को शुरू करने के लिए किसी भी तरह के परमिशन की जरूरत नहीं है। इसके अलावा प्रवेश के लिए उम्र सीमा क्या होगी? फीस कितनी होगा? इस संबंध में कोई नियम नहीं है। स्कूलों में सीटें कम और विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने की वजह से स्कूलों द्वारा फीस में भारी वृद्धि की जाती है।

अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों को कई तरह की सुविधाएं दिए जाने का भरोसा दिया जाता है, लेकिन वास्तविकता में गुणवत्ता को लेकर कई सवाल खड़े होते रहते हैं। अनट्रेंड टीचर पूर्व प्राथमिक वर्गों में पढ़ाने के लिए आते हैं। शहर में कई जगहों पर प्रसिद्ध नर्सरी व प्ले ग्रुप द्वारा स्कूल शुरू किए गए थे। लेकिन अचानक कुछ कारणों की वजह से इन स्कूलों को बीच में ही बंद कर दिया गया। वर्ष भर की फीस वसूलने के बाद बीच में ही स्कूल के बंद होने की शिकायत कहां करनी है? इस पर कार्रवाई का अधिकार किसके पास है? इस संबंध में मनपा से जानकारी नहीं मिल पाई है।

हमारे बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाई करें, इसका प्रयास उच्च, मध्यम व कनिष्ठ हर वर्ग के माता-पिता हर स्तर पर करते हैं, लेकिन प्रमुख अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में सीटों की संख्या कम होती है। इन स्कूलों में प्रवेश नहीं मिलने पर नये शुरू किए गए दूसरे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में अभिभावक बच्चों को प्रवेश दिलाते हैं, लेकिन इन स्कूलों की श्रेणी अच्छी नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों का भारी नुकसान होता है। शिक्षा विशेषज्ञों की राय है कि अभिभावक अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्रवेश की जिद्द को छोड़कर सेमी अंग्रेजी माध्यम  स्कूलों में प्रवेश का विचार करें।