देशभर के ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की होगी जांच

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वो अपने यहां ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ द्वारा चलाए जाने वाले बाल सुविधा गृहों की तुरंत जांच करें। गांधी ने कहा कि राज्य सरकारें सभी बालगृहों का पंजीकरण सुनिश्चित करें और एक महीने में उन्हें केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) से जोड़ा जाए। बता दें कि हाल ही में झारखंड में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी एक संस्था द्वारा बच्चों को कथित तौर पर बेचे जाने की घटना सामने आयी थी, जिसके बाद केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने यह आदेश जारी किए हैं।

गौरतलब हो कि 2015 में लागू किये गए किशोर न्याय (बाल देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम के तहत सीसीआई में पंजीकरण और कारा से जोड़े जाने की अनिवार्यता है। हांलाकि कुछ अनाथालयों ने इसकी वैधता को चुनौती दी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया।

इसके बाद से करीब 2300 सीसीआई को कारा से जोड़ा गया है और करीब 4000 अभी जोड़े जाने बाकी हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) का कहना है कि केरल में 26 बालगृह पंजीकृत हैं, जबकि 1165 बालगृह बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। महाराष्ट्र में 110, मणिपुर में 13, तमिलनाडु में नौ, गोवा में आठ, राजस्थान में चार और नगालैंड में दो बालगृह पंजीकृत नहीं हैं।