फिरौती के लिए 5 साल के बच्चे का अपहरण 

तीन दिन बाद पुलिस कराई सही सलामत रिहाई; दो आरोपी गिरफ्तार 
वाकड पुलिस की कामयाबी 
पिंपरी। संवाददाता – सिर पर कर्ज का पहाड़ और उसी में छोटे भाई की शादी निपटाने के लिए केटरिंग का काम करनेवाले एक युवक ने अपने साडू के साथ मिलकर एक पांच साल के बच्चे को अगवा कर लिया। उसके माता- पिता से उसकी सुरक्षित रिहाई के लिए पांच लाख रुपए की फिरौती मांगी लेकिन बाद पुलिस के जाल में फंस गया। अपहरण के तीन दिन बाद अपहृत बच्चे को सही सलामत उसके माता-पिता को लौटाकर वाकड पुलिस ने दोनों अपहरणकर्ताओं पर शिकंजा कसने में कामयाबी पायी। अदालत ने दोनों को पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है।

पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय के अतिरिक्त आयुक्त मकरंद रानडे ने एक संवाददाता सम्मेलन में दी गई जानकारी के अनुसार, सुफियान नासिर खान ऐसा अपहृत बच्चे का नाम है, उसके पिता स्क्रैप के कारोबारी हैं और उसकी माँ ब्यूटी पार्लर चलाती है। अपहरण के इस मामले में गिरफ्तार किये गए आरोपियों में मोहम्मद शकील सलीम खान (32) निवासी विरार, मुंबई, शाहरुख मिरज खान (26) निवासी वाल्हेकरवाडी, चिंचवड़, पुणे हैं। इनमे से शाहरुख़ का सुफियान की माँ के ब्यूटी पार्लर के बगल में झमझम केटरर्स और बिरयानी हाउस है। मोहम्मद उसका साडू है, जिसकी मदद से उसने अपहरण की वारदात को अंजाम दिया।

सुफियान की माँ का जहां ब्यूटी पार्लर है उसी कुणाल सोसाइटी की उसी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर उनका फ्लैट है। वे बीते 15 सालों से यहां रह रहे हैं। चार माह पहले शाहरुख ने उनके ब्यूटी पार्लर के बगल में केटरिंग और बिरयानी हाउस का व्यवसाय शुरू किया था। उसने सुफियान की माँ से कई बार आर्थिक मदद ली थी, मगर उसे कर्ज चुकाने और छोटे भाई की शादी के लिए और पैसों की जरुरत थी। इस बार सुफियान की माँ ने उसे मना कर दिया। शाहरुख उनके घर की माली हालत से अच्छी तरह से वाकिफ था। सुफियान भी उसे अच्छी तरह से जानता पहचानता था। इसके चलते उसने सुफियान के अपहरण की योजना बनाई और अपने साडू मोहम्मद को इसमें शामिल कर लिया।
प्लान के मुताबिक सुफियान चार नवंबर की दोपहर सोसाइटी की पार्किंग में दोस्तों के साथ खेल रहा था। तब शाहरुख वहां दोपहिये से आया और उसे अपने साथ ले गया। वह भी उसे अच्छी तरह से पहचानता थे इसलिए उसके साथ चला गया। काफी देर तक जब सुफियान घर नहीं लौटा और सोसाइटी में कहीं नजर नहीं आया तो उसके माता पिता ने उसके दोस्तों से पूछताछ की। तब उसे कोई अपने साथ ले गया है, यह पता चला, इसके बाद सुफियान के पिता तुरंत वाकड पुलिस थाने पहुंचे और इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। दो दिन बाद शाहरुख ने फोन पर सुफियान की माँ को उसे अगवा करने की जानकारी दी और उसकी रिहाई के लिए पांच लाख रुपए की फिरौती की मांग की। इस बीच वह सुफियान को लेकर पहले शिकरापुर के एक लॉज पर ले गया उसके बाद लोनावला और फिर वसई विरार ले गया।
मोहम्मद यहीं रुककर सुफियान के माता- पिता की गतिविधियों पर नजर रखे हुए था। फिरौती के लिए फोन आने के बाद माता-पिता घबरा गए। एक बार तो उन्होंने पुलिस से मदद लेने से भी मना कर दिया। मगर पुलिस ने उन्हें भरोसे में लिया और शाहरुख़ को चिंचवड़ स्टेशन इलाके में पैसे लेने के लिए बुलाने को कहा। 7 नवंबर को जैसे ही वे सुफियान को लेकर वहां पहुंचे वहां पहले से ही सादे लिबास में ट्रैप लगाए बैठी वाकड पुलिस की डिटेक्शन ब्रांच की टीम ने उन्हें धरदबोचा। तीन दिन बाद अपने बच्चे को पाकर सुफियान के माता-पिता के आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। उन्होंने वाकड पुलिस का आभार माना। सहायक पुलिस आयुक्त श्रीधर जाधव, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सतीश माने, डिटेक्शन ब्रांच के निरीक्षक सुनील पिंजन, पुलिस उपनिरीक्षक हरीश माने, कर्मचारी दत्तात्रय सणस, बिभीषण कण्हेरकर, रमेश गायकवाड, प्रमोद भांडवलकर, मधुकर चव्हाण की टीम ने अंजाम दिया।