पाकिस्तान और चीन की बढ़ेगी टेंशन! सेना में शामिल हुईं “के9 वज्र” और “एम777 होवित्जर” तोपें 

नई दिल्ली | समाचार ऑनलाइन – आज भारतीय सेना का तीन दशक पुराना इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में आज नासिक के देवलाली तोपखाने केंद्र पर ‘के9 वज्र और एम777 होवित्जर’ तोपों को सेना में शामिल किया गया। इस दौरान इनका एक डेमो भी किया गया। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सुबह ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, आज 155 एमएम, एम 777 ए2 अल्ट्रा लाइट होवित्जर आधुनिक गन सिस्टम्स को सेना में शामिल किया जाएगा।
इस तोप को आसानी से दुर्गम पहाड़ी इलाकों में भी तैनात किया जा सकता है। 2006 से इसे लेकर बातचीत चल रही थी और पिछले तीन साल के अंदर इसे मुकाम तक पहुंचाया गया।
पाकिस्तान और चीन की सीमा पर मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर इस तोप की जरूरत काफी समय पहले से महसूस की जा रही थी। आखिरी बार भारतीय सेना में बोफोर्स तोप को शामिल किया गया था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 2020 तक  4,366 करोड़ रुपये की 100 के9 वज्र तोपों को तोपखाने में शामिल कर लिया जाएगा जिनमें से 40 तोपें अगले साल मिलेंगी।
K-9 की विशेषता –
इस तोप की मारक क्षमता 28-30 किलोमीटर की है जो 30 सेकेंड में तीन गोले दाग सकती है।
यह पहली ऐसी तोप है जिसे भारतीय निजी सेक्टर ने तैयार किया है।
यह तोप तीन मिनट में 15 राउंड की गोलाबारी कर सकती है और 60 मिनटों में लगातार 60 राउंड की फायरिंग भी कर सकती है।
M777 होवित्जर तोप की विशेषता –
यह तोप भी 30 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे हेलीकॉप्टर और प्लेने के माध्यम से मनचाही जगह पर ले जाया जा सकता है।
इस समय इस तोप का इस्तेमाल अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देश कर रहे हैं।