लैंड ग्रैबिंग का ‘पिंपरी पैटर्न’!

अजित पवार समेत मंत्रियों के नाम पर 2 करोड़ ठगे व 1 एकड़ जमीन हड़पी
पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – इन दिनों लैंड ग्रैबिंग पर आधारित मराठी फिल्म ‘मुलशी पैटर्न’ का डंका पूरे महाराष्ट्र में बज रहा है। मुलशी तालुका के किसानों की जमीनें हड़पने और उसमें बढ़े अपराधीकरण के विषय पर प्रकाश डालने वाली इस फ़िल्म के शोर शराबे के बीच लैंड ग्रैबिंग का ‘पिंपरी पैटर्न’ सामने आया है। इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व भूतपूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार, जो फिलहाल सिंचाई घोटाले में नाम आने से विवादों में घिरे हैं, के साथ दूसरे मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के नाम पर एक कारोबारी की एक एकड़ जमीन हड़पी गई है। इसके साथ ही उससे मंत्रियों आउट अधिकारियों को बांटने के नाम पर दो करोड़ रुपए भी ठगे गए हैं।
लैंड ग्रैबिंग का ‘मुलशी पैटर्न’ धमकाने से लेकर मार काट पर आधारित है जबकि रविंद्रम राघवन पिल्ले (53) निवासी एम्पायर इस्टेट, चिंचवड, पुणे नामक चिटफंड कारोबारी के मामले से सामने आया ‘पिंपरी पैटर्न’ धोखाधड़ी पर आधारित है। इस बारे में दो साल पहले पिंपरी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है, हालांकि इसमें एक आरोपी की गिरफ्तारी हाल ही में की गई है। पिल्ले ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में पिंपरी पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं और मिलीभगत के संदेह जताया है। उनका आरोप पिंपरी थाने की डिटेक्शन ब्रांच (डीबी) के पुलिस निरीक्षक विट्ठल बढ़े पर है, जिन्होंने संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर आरोपों से इनकार किया और खुद शिकायतकर्ता द्वारा जांच में सहयोग न देने का पलटवार किया है।
क्या है पूरा मामला
एक संवाददाता सम्मेलन में रविंद्रम पिल्ले और उनके वकील एड अशोक नायर ने बताया कि, पिल्ले का राजलक्ष्मी चिट प्रा लि नाम से चिटफंड का कारोबार है। उन्होंने लोहगांव में पांच एकड़ कृषक जमीन खरीद रखी है, जिसे उन्हें एनए यानी गैर कृषक जमीन में रूपांतर करना है। उनके परिचय के राजशेखरन सुकुमारन पिल्ले और उनकी पत्नी उषा पिल्ले दोनों निवासी इंद्रायणी नगर, भोसरी, पुणे, जिनका मकर ज्योति कुरीश प्रा लि और अभिलाष प्रमोटर्स एंड बिल्डर्स नाम से कारोबार है, ने मंत्रालय में अपनी जान- पहचान के जरिए यह काम करवाने का भरोसा दिलाया। मंत्रालय में मंत्री और अधिकारियों को ‘बांटने’ के लिए एक करोड़ रुपए की मांग की। उन्होंने दो अगस्त 2014 को उन्हें एक करोड़ रुपए दिए। इसके बाद विधानसभा चुनाव की आचारसंहिता लागू होने से पहले और तीन करोड़ देने को कहा।
नगरविकास, नगररचना विभागों की हो जांच
एक साथ इतने पैसे देने में असमर्थता जताने पर उन्होंने पांच में से एक एकड़ जमीन उनके नाम पर करने को कहा। सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा की सरकार बनने के बाद पिल्ले दंपति ने और एक करोड़ की मांग की। दो करोड़ और एक एकड़ जमीन देने के बाद बार- बार तकाजा करने पर उन्होंने बताया कि आपकी फ़ाइल पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर हो गए हैं। साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पीए को पैसे दिए, पूर्व नगरविकास मंत्री उदय सामंत और प्रधान सचिव के साथ ही नगररचना के सह निदेशक व विधायक विनायक मेटे के 26 मार्च 2014 को जोन बदलने संबन्धी फर्जी पत्र दिये। यह फर्जीवाड़ा ध्यान में आने के बाद रविंद्रम पिल्ले ने 9 नवंबर 2016 को पिंपरी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दो साल की टालमटोल के बाद राजशेखरन पिल्ले को गिरफ्तार किया गया। हालांकि उसके साथ इस गोरखधंधे में शामिल उसकी पत्नी और अन्य आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस नाकाम रही है। यह आरोप लगाते हुए पिल्ले और उनके वकील एड नायर ने इस पूरे मामले में नगरविकास, नगररचना विभागों और जिन मंत्रियों के नाम से फर्जीवाड़ा किया गया उनकी जांच करने और उन्हें इंसाफ दिलाने की मांग की है।