Maharashtra | देश में अघोषित आपातकाल,  यह रामराज्य है क्या ? ; संजय राऊत का मोदी सरकार से सवाल 

मुंबई (Mumbai News) : Maharashtra | लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) की घटना को लेकर दुनिया भर से नाराजगी व्यक्त की जा रही है।  किसान नेता और विरोधी केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) की जमकर आलोचना कर रहे है।  लखीमपुर (Lakhimpur) में पीड़ितों से मिलने जा रही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Congress leader Priyanka Gandhi) को कस्टडी (Custody) में लिए जाने का कांग्रेस दवारा विरोध किया (Maharashtra) जा रहा है.

 

 अब शिवसेना (Shiv sena) नेता और सांसद संजय राऊत (MP Sanjay Raut) ने कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया दी है।  उन्होंने कहा है कि देश में अघोषित आपातकाल लागू है।  यही आपका रामराज्य है क्या ?

प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को कस्टडी में लिए जाने पर उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी से आपकी राजनीतिक दुश्मनी हो सकती है।  कांग्रेस (Congress) से भी हो सकती है।  लेकिन उनका अपराध क्या है कि बिना किसी वारंट के उन्हें कस्टडी में लिया गया।  वह इंदिरा गांधी की पोती है और महिला है।  जिस तरह का व्यवहार प्रियंका गांधी के साथ किया गया क्या उसका आदेश था ?

 

किसानों से माफी मांगे

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा (Violence) पर बोलते हुए संजय राऊत ने कहा कि मोदी सरकार (Modi Government) किसानों से माफी मांगे।  यह कोई रामराज्य है क्या ? आप माफ़ी मांग रहे है क्या ? किसानों को चिढ़ाया जा रहा है।  इस पर माफ़ी मांगनी चाहिए।  देश में अघोषित आपातकाल शुरू है।  लेकिन किसान, जनता लड़ते रहेंगे।

सामना के लेख में आलोचना

उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) के भाजपा नेता मराठवाड़ा, विदर्भ के संकटग्रस्त किसानों के आंसू पोछने के लिए बांधों पर पहुंचे तो उन्हें किसी ने नहीं रोका।  लेकिन उत्तर प्रदेश में किसानों को कुचल कर मार दिया गया।  किसानों को मारना और विरोधियों को दबाना किस तरह का लोकतंत्र है ? केंद्रीय मंत्री के बेटे दवारा किया गया यह अपराध किसी दूसरे   राज्य में हुआ होता  तो भाजपा  (BJP) ने पुरे देश को सिर पर उठा लिया होता।

अब किसानों को  अपराधी, अराजकतावादी बताया जा रहा है।  किसानों की हत्या, किसानों की खून की तुलना में अमीरों बेटों के नशीले पदार्थ  और किसी को महत्वपूर्ण लगता है तो  जय जवान, जय किसान का नारा किसके लिए देना है ? बंद करे ये सब.

 

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