‘मोमो चैलेंज’ से भारत में पहली मौत, 10वीं की छात्रा ने की आत्महत्या !

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन
बच्चों के लिए अब ‘मोमो चैलेंज’ जानलेवा बन रहा है। राजस्थान के अजमेर में इस खतरनाक खेल से पहली मौत हुई है। मोमो चैलेंज के चक्कर में दसवीं की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली है। खबर के मुताबिक छात्रा ने जन्मदिन के तीन दिन बाद हाथों की नस काटी और फिर फांसी लगाकर जान दे दी। छात्रा के मोबाइल की ब्राउजर हिस्ट्री, मोमो चैलेंज गेम के नियम और शरीर पर बने निशान से इस बात की आशंका जताई जा रही है।
दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली 15 साल की छवि ने अपने जन्मदिन के तीन दिन बाद ही 31 जुलाई को आत्महत्या कर ली थी। अब पड़ताल में पता चला है कि मोमो चैलेंज की वजह से उसने जान दी। मोबाइल की ब्राउजर हिस्ट्री, मोमो चैलेंज गेम के नियम और छवि के शरीर पर बने निशानों की जांच के बाद यह संकेत मिल रहे हैं। दरअसल, ब्लू ह्वेल गेम की तरह इस खतरनाक खेल का आखिरी टास्क भी मौत है।
मोमो व्हाट्सएप चैलेंज भी ब्लू व्हेल की तरह खतरनाक है
दरअसल, मोमो चैलेंज व्हाट्सएप पर आधारित है। ब्लू व्हेल चैलेंज की तरह इसमें भी खतरनाक टॉस्क मिलता है। सोशल मीडिया पर जापान के एरिया कोड वाला नंबर वायरल होता है। वाट्सऐप पर कॉन्टैक्ट नंबर सेव करने पर खतरनाक तस्वीर लगी प्रोफाइल सामने आती है। खबरों के मुताबिक, मोमो की प्रोफाइल सबसे पहले लोगों को फेसबुक पर दिखी। प्रोफाइल में लगी तस्वीर का चेहरा 2016 में जापान के संग्रहालय में प्रदर्शित एक मूर्ति से मिलता है। लोगों के दिलोदिमाग में खौफ पैदा करने वाला मोमो गेम एक कॉन्सिपिरेसी थ्योरी पर आधारित है।। लैटिन अमेरिका के बाद यह खतरनाक खेल अमेरिका में लोगों की नींद हराम किए हुए है।