मोसाद इसलिए है नंबर-1 खुफिया एजेंसी, खोज निकाली 50 साल पुरानी घड़ी

यरुशलम | समाचार ऑनलाइन 

यरुशलम: इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उसे दुनिया की नंबर वन खुफिया एजेंसी क्यों कहा जाता है। मोसाद ने अपने मशहूर इजरायली जासूस एली कोहेन की 50 साल पुरानी घड़ी को ढूंढ निकाला है। कोहेन को सीरिया में पकड़े जाने के बाद सरेआम फांसी पर लटका दिया गया था। उनकी घड़ी तलाशने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया था। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घड़ी मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मैं मोसाद के लड़ाकों के दृढ़ और साहसिक अभियान की प्रशंसा करता हूं। इस टीम का एकमात्र मकसद अपने महान जासूस की निशानी को वापस लाना था, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए खुद को कुर्बान कर दिया।” वहीं, एजेंसी का कहना है कि उसने यह घड़ी सीरिया में हाल ही में एक विशेष अभियान में खोजी है। हालांकि, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि कोहेन की घड़ी उन्हें कहां और किस हाल में मिली।

इजरायल की जीत के नायक थे
मिस्र में जन्मे कोहेन 1960 के दशक में मोसाद में भर्ती हुए थे। बाद में अरब जगत की खुफिया जानकारियां जुटाने के लिए उन्हें सीरिया भेजा गया था। यह भी कहा जाता है कि उनकी खुफिया जानकारियों की बदौलत ही अरब- इजरायल युद्ध में इजरायल को जीत मिली थी। हालांकि, जब सीरिया को 1964 में उनकी सच्चाई पता चली, तो 18 मई 1965 को कोहेन को फांसी पर लटका दिया गया। फांसी के बाद सीरिया ने उनसे जुड़े सामान और शव को गुप्त स्थान पर ठिकाने लगा दिया था।

किसी हीरो की तरह
एली कोहेन ने अंडरकवर एजेंट रहते हुए सीरिया की सरकार और सेना के साथ काम किया और कई महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा की थी। अपने साहसिक अभियानों के चलते कोहेन इजरायल में किसी राष्ट्रीय हीरो की तरह हैं। उनके नाम पर कई स्मारक हैं। कोहेन की पत्नी ने सीरिया सरकार से 1965 में उनकी आखिरी निशानी को लौटाने की अपील की थी।