राष्ट्रवादी की ‘घड़ी’ बांधने के लिए तैयार नहीं कांग्रेस के ‘हाथ’

पुणे समाचार ऑनलाइन

आनेवाले चुनावों में सत्तादल भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की तैयारी देशभर में शुरू है। महाराष्ट्र में इसकी पहल करनेवाली राष्ट्रवादी कांग्रेस लोकसभा से पूर्व विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुटी है। महागठबंधन को भी यही सलाह देते हुए राष्ट्रवादी के हाइकमान शरद पवार ने भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के महागठबंधन की जरूरत बताई है। इन तमाम गतिविधियों के दौरान कांग्रेस ने मात्र दूरियां बनाये रखी है। राष्ट्रवादी की ‘घड़ी’ बांधने को लेकर कांग्रेस के ‘हाथ’ अभी भी तैयार नहीं है। उल्टे पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक चव्हाण ने तो राष्ट्रवादी को कांग्रेस की चिंता न करने की सलाह तक दे दी है। ऐसे में महागठबंधन की तैयारियों में जुटी राष्ट्रवादी की चिंता बढ़ गई है।

महाराष्ट्र में भाजपा की सत्ता आने के बाद से विधिमंडल हो या सड़कों पर सरकार को आड़े हाथ लेकर जवाब मांगने में राष्ट्रवादी ही आगे रही। विधानसभा में विपक्षी दल का नेता कांग्रेस का है मगर यहां अजित पवार, जयंत पाटिल जैसे कद्दावरों ने और विधानपरिषद में धनंजय मुंडे सरकार को आड़े हाथ लेते और आक्रामक भूमिका में नजर आए। यही नहीं पूरे राज्यभर में हल्लाबोल आंदोलन के जरिए न केवल सरकार की नींद हराम की बल्कि राज्य की जनता तक अपनी पहुंच भी बनाई। इसके विपरीत राज्य में जगह- जगह नाकामी मिलने के बाद भी कांग्रेस अपनी सुस्त और मस्त भूमिका बदलने की मानसिकता में ही नजर नहीं आ रही है।

वस्तुतः पालघर के उपचुनाव में वोटों का विभाजन टालने के लिए कांग्रेस को बहुजन विकास आघाडी को समर्थन देना चाहिए था। वैसा न करते हुए कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी को मैदान उतारा औऱ वहां भाजपा जीत गई। विधानपरिषद चुनाव में भी कांग्रेस ने परभणी की सीट मांगी मगर जीत न सकी। अमरावती में तो कांग्रेस को अपने ही वोट न मिल सके। वहां उसके प्रत्याशी को मात्र 17 वोट मिले। इन तमाम खामियों और नाकामियों के बाद भी कांग्रेस सबक लेने के लिए तैयार नहीं है। जहां भाजपा साम-दाम-दंड-भेद के हर फंडे आजमा रही है वहीं कांग्रेस अपनी सुस्ती और मस्ती त्यागने तैयार नजर नहीं आ रही। ऐसे में कांग्रेस के ‘हाथ’ राष्ट्रवादी की ‘घड़ी’ बांधती है या फिर ‘पंजे’ की मुट्ठी बांधकर अकेले चुनाव के मैदान में उतरेगी? यह सवाल खड़ा हुआ है।