नीट : सुप्रीम कोर्ट ने तमिल भाषा में परीक्षा देने वाले स्‍टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्‍स देने पर लगाई रोक

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन

तमिल भाषा में नीट 2018 की परीक्षा देने वाले स्‍टूडेंट्स को 196 नंबर के ग्रेस मार्क्‍स देने के मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के आदेश पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने सीबीएसई की याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के साथ ही नोटिस जारी किया।

ग्रेस मार्क्स से दूसरे स्टूडेंट्स को नुकसान

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ किया कि हाईकोर्ट इस तरह ग्रेस अंक नहीं दे सकता क्‍योंकि इससे दूसरे स्‍टूडेंट्स को नुकसान होगा। पीठ ने इस मामले में पक्षकारों से कहा कि वे इस स्थिति से निबटने के सुझाव दें। पीठ ने कहा हम इस तरह से अंक नहीं दे सकते हैं। पीठ ने टिप्पणी की कि ऐसा लगता है कि इस फैसले के बाद तमिल भाषा में परीक्षा देने वाले स्‍टूडेंट दूसरे स्‍टूडेंट्स की तुलना में फायदे में हैं।

गौरतलब है कि मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने पेपर में पूछे गए सवालों के गलत अनुवाद पर 10 जुलाई को सीबीएसई को आदेश दिया था कि वो नीट 2018 की परीक्षा देने वाले तमिल स्टूडेंट्स को 196 ग्रेस मार्क्स दें। तमिल भाषा में नीट का पेपर करीब 24500 स्टूडेंट्स ने दिया था। याचिकाकर्ता और माकपा के राज्यसभा सांसद टी. के. रंगराजन ने दावा किया था कि नीट के पेपर में 49 सवालों का तमिल अनुवाद गलत किया गया है।