नहीं खत्म हुआ सियासत का कर’नाटक’

15 से ज्यादा कांग्रेसी विधायक खिलाफत के मूड में

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी

सत्ता स्थापना से कर्नाटक में शुरू सियासी ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है। मंत्रिमंडल में मौका न मिलने से नाराज कांग्रेस के 15 से 20 कांग्रेसी विधायकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।जोकि कुमारस्वामी सरकार के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद हर दिन किसी न किसी विधायक ने सार्वजनिक तौर पर अपना विरोध जताया है। ये भी कहा जा रहा है कि जेडीएस के कुछ मंत्री भी अपने पोर्टफोलियो से नाराज हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा खुश भाजपा और उसके वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के विद्रोह पर बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि, यदि कांग्रेस और जेडीएस के नाराज विधायक भाजपा के साथ आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।

कांग्रेस के पूर्व मंत्री और नाराज विधायक एमबी पाटिल ने कांग्रेस हाईकमान से उपमुख्यमंत्री पद की मांग की थी, लेकिन दिल्ली में उनकी और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात का कोई परिणाम नहीं आया है। वह फिलहाल खाली हाथ लौट आए हैं। हालांकि ये जरूर कहा गया है कि कांग्रेस लिंगायत विधायकों को आने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह देगी। कांग्रेस के कोटे की अभी छह जगह खाली हैं। कांग्रेस हाईकमान ने मंत्री पद की मांग कर रहे विधायकों को संदेश भी दिया है कि वह इस मुद्दे को ज्यादा तूल न दें योग्य उम्मीदवार को समय आने पर मंत्री पद दिया जाएगा।

इससे पहले कांग्रेस के नेता एमबी पाटिल को दिल्ली बुलाया गया था क्योंकि उनके घर पर ही नाराज विधायकों ने मीटिंग की थी। पाटिल की दिल्ली में राहुल के घर पर बैठक हुई। इसमें उन्होंने बताया कि विधायक इसलिए नाराज हैं, क्योंकि केबिनेट में सभी जातियों को उचित प्रतिनिधत्व नहीं मिला है। नाराजगी का दौर सिर्फ कांग्रेस में नहीं बल्कि जेडीएस में भी है। वहां पर नए बनाए गए मंत्री जीटी देवेगौड़ा और सीएस पुत्ताराजू के समर्थकों ने ने मैसुरु और मांड्या में विरोध प्रदर्शन किया। जीटी देवेगौड़ा को उच्चा शिक्षा मंत्री और पुत्ताराजू को माइनर इरीगेशन दिया गया है। इन दोनों की निगाहें ट्रांसपोर्ट मंत्रालय पर थीं। इस विभाग को एचडी देवेगौड़ा के रिश्तेदार डीसी थमन्ना को दिया गया है।

कर्नाटक में कुमारस्वामी के नेतृत्ववाली गठबंधन सरकार सोमवार से काम शुरू कर देगी, क्योंकि अधिकांश मंत्री सप्ताहांत के लिए अपने क्षेत्रों में चले गए थे। सरकारी कार्यालय दूसरे शनिवार पर बंद हैं और यहां सचिवालय के सहायक कर्मचारी भी छुट्टी पर हैं, लिहाजा 25 नए मंत्री सोमवार से काम शुरू करेंगे। इन 25 में से 14 कांग्रेस के और नौ मंत्री जनता दल (सेकुलर) के हैं, तथा एक-एक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कर्नाटक प्रज्ञावंता जनता पक्ष (केपीजेपी) से हैं। विभागों के आवंटन में दो दिन लग गए और मंत्री शुक्रवार रात तक अपने विभागों से अनजान थे, लिहाजा उन्होंने सोमवार को कार्यभार संभालने का निर्णय लिया है।