सेंचुरी बनाने से चूके एक दिन के स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन – वरिष्ठता के बल पर प्रबल दावेदार रहने के बावजूद गुटबाजी का शिकार बने सत्तादल भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक विलास मड़ेगीरी भले ही स्थायी समिति अध्यक्ष बनने से चूक गए हो। मगर उन्हें एक दिन के लिए क्यों न हो अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान होने का अवसर मिल ही गया। मौजूदा अध्यक्षा ममता गायकवाड की गैरमौजूदगी में मंगलवार को स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) की बैठक की अध्यक्षता करने का अवसर मड़ेगीरी को मिला। यहां भी वे ‘सेंचुरी’ बनाने से चूक गए और इस बैठक में कुल 92 करोड़ 85 लाख 42 हजार रुपए खर्च को मंजूरी दी गई।

फरवरी 2017 में हुए पिंपरी चिंचवड मनपा के आम चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस को चारों खाने चित कर भाजपा ने अपना परचम लहराया। मनपा के इतिहास में भाजपा की सत्ता बनने का पहला मौका रहा। पहले महापौर नितिन कालजे चुने गए। महापौर के बाद आर्थिक दृष्टि से अहम माने जानेवाली स्थायी समिति का पहला अध्यक्ष बनने का अवसर सीमा सावले को मिला। दूसरे साल इस समिति के अध्यक्ष पद की कुर्सी ममता गायकवाड़ को मिली। बाद में महापौर पद पर राहुल जाधव आरूढ़ हुए। लगातार दूसरे साल इन अहम पदों पर पुराने भाजपाई वंचित रह गए।
वरिष्ठता के आधार पर इन पदों के लिए पार्टी के प्रबल दावेदारों में पुराने भाजपाई विलास मड़ेगीरी भी शामिल थे। मगर गुटबाजी की चक्की में दूसरे पुरानों के साथ वे भी पिस कर रह गए। स्थायी समिति में ‘एंट्री’ मिलने के बाद भी वे अध्यक्ष पद की कुर्सी से दूर रह गए। हालांकि आज ममता गायकवाड़ की गैरमौजूदगी में साप्ताहिक बैठक की अध्यक्षता करने का अवसर मड़ेगीरी को मिल गया और वे एक दिन के चेयरमैन साबित हुए। इस बैठक में ऐन मौके पर पेश किए गए तीन करोड़ 38 लाख 79 हजार रुपए खर्च के साथ विविध विकास विषयक 92 करोड़ 85 लाख 42 हजार रुपए खर्च को मंजूरी दी गई।