साल में एक बार ही होगी नीट की परीक्षा, केंद्र सरकार ने बदला फैसला

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन
स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह फैसला लिया है कि मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आवश्यक नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) का आयोजन अब साल में एक बार ही किया जाएगा। नीट के साल में एक बार होने के साथ ही परीक्षा का आयोजन भी ऑनलाइन के बजाए पेन और पेपर के माध्यम से ही करवाया जाएगा।
बता दें कि पिछले महीने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने घोषणा की थी कि नवगठित नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) साल में दो बार राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा के साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा-मुख्य का आयोजन करेगी। उन्होंने घोषणा की थी कि एनटीए द्वारा ली जाने वाली सभी परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर साल में दो बार नीट के आयोजन को लेकर चिंता प्रकट किया और कहा कि इस तरह के परीक्षा कार्यक्रम से छात्रों पर अतिरिक्त दबाव बन सकता है, ग्रामीण इलाके में रहने वाले छात्रों को लेकर भी चिंता प्रकट की कि सिर्फ ऑनलाइन मोड में परीक्षा होने से उन्हें नुकसान हो सकता है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आग्रह के बाद नीट परीक्षा पैटर्न में बदलाव के पूर्व के बयान के विपरीत अब यह कागज-कलम के जरिए और उतनी ही भाषाओं में कराने का फैसला किया गया जैसा पिछले साल आयोजन हुआ था।
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जेईई परीक्षा के नए प्रारूप में बदलाव नहीं
वहीं जेईई परीक्षा का आयोजन नए पैटर्न के आधार पर ही होगा, जिसमें परीक्षा का आयोजन साल में दो बार होगा। वहीं इन परीक्षाओं का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से किया जाएगा। बता दें कि एनटीए की ओर से सिर्फ जेईई मेंस करवाई जाएगी, जबकि जेईई एडवांस परीक्षा का आयोजन आईआईटी की ओर से ही किया जाएगा।