समाज को संत ही बचा सकते हैं : अन्ना हजारे

पुणे : समाचार ऑनलाइन – राह भटके चुके समाज को संतों के विचार ही बचा सकते हैं। उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलने से समाज की निश्चित रूप से उन्नति होगी। ये विचार समाजसेवी अन्ना हजारे ने संत श्रीज्ञानेश्वर माऊली सेवा जीवन गौरव पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में व्यक्त किए।

अन्ना हजारे ने कहा कि शुद्ध आचार, शुद्ध विचार, निष्कलंक जीवन, त्याग की भावना और अपमान को सहने की आदत होनी चाहिए।यह शरीर समाज के लिए है। इस बात को ध्यान में रखने से परिवर्तन आने में समय नहीं लगेगा।हम विज्ञान की बदौलत चांद एवं अंतरिक्ष में प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन अध्यात्म के बावजूद अब तक हम अंतरंग में नहीं पहुंचे हैं।
विश्वशांति केन्द्र (आलंदी), माईर्स एमआईटी तथा श्रीक्षेत्र आलंदी-देहू परिसर विकास समिति द्वारा संयुक्त रूप से विश्व के सबसे बड़े गुंबद का निर्माण करने वाले कारीगरों को समाजसेवी अन्ना हजारे एवं विश्वशांति केन्द्र (आलंदी), माईर्स एमआईटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रा.डॉ।विश्वनाथ कराड के हाथों सम्मानित किया गया।

इस दौरान गोविंद अलेटी, विष्णु भिसे, छगनलाल सुतार तथा कृष्णा पवार को संत श्रीज्ञानेश्वर माऊली सेवा जीवन गौरव पुरस्कार प्रदान किया गया, जबकि दिलीप पाटिल, शिवाजी गोरे, राजाराम घुगे, श्रीनिवास मंगलुरी, विकास तांबट, दिलीप रोहम, दत्तात्रय माने तथा साईनाथ कानपुरे को संतश्री ज्ञानेश्वर माऊली सेवा पुरस्कार प्रदान किया गया।