पिंपरी-चिंचवड़ की खतरनाक बिल्डिंगों का अब तक नहीं हुआ सर्वेक्षण, मानसून में महंगी पड़ सकती है लापरवाही

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – बारिश करीब आ गई है, मगर शहर में स्थित खतरनाक बिल्डिंगों को लेकर प्रशासन की उपेक्षा देखी जा रही है। राज्य सरकार के आदेशानुसार मार्च-अप्रैल में सर्वेक्षण करने व खतरनाक बिल्डिंगों को ढहाने तथा नोटिस जारी करने की कार्रवाई जरूरी थी, मगर मनपा के आठ में से ङ्गईफ (निगड़ी) क्षेत्रीय कार्यालय के अलावा अन्य किसी भी क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा यह सर्वेक्षण नहीं कराया गया। लोकसभा चुनाव की वजह से खतरनाक बिल्डिंगों के सर्वेक्षण में देरी होने का कारण मनपा प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है।

राज्य में हर साल बारिश के दौरान पुरानी व जीर्ण ईमारतों के ढहने से जान व माल के नुकसान की घटनाएं घटती हैं। ऐसी घटनाओं को टालने के लिए बृहन्मुंबई मनपा की तरह पुरानी व जीर्ण बिल्डिंगों पर बारिश से पहले कार्रवाई का आदेश राज्य सरकार द्वारा सभी लोकल बॉडीज को दिया गया है। राज्य सरकार के इस आदेश के अनुसार प्रति वर्ष मार्च-अप्रैल में पुरानी व जीर्ण बिल्डिंगों का सर्वेक्षण कराना जरूरी है। सर्वेक्षण के बाद सी-1, सी-2 बी एवं सी-3 के अनुसार श्रेणी निर्धारित की जाती है। यह निर्धारण बिल्डिंग की स्थिति को दृष्टि में रखते हुए किया जाता है। सी-1 श्रेणी की यानी सबसे ज्यादा खतरनाक बिल्डिंगों को तुरंत ढहाने का आदेश दिया गया है।

बारिश का मौसम करीब आ गया है, मगर यह सर्वेक्षण अब तक नहीं कराया गया। कंस्ट्रक्शन विभाग द्वारा कंस्ट्रक्शन परमिशन विभाग को खतरनाक ईमारतों की जानकारी देने का आदेश दिया गया था, मगर अब तक ङ्गईफ क्षेत्रीय कार्यालय के अलावा अन्य किसी क्षेत्रीय कार्यालय ने सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश नहीं की है। रिपोर्ट के अनुसार ङ्गईफ क्षेत्रीय कार्यालय की सीमा में चार बिल्डिंग खतरनाक हैं। उनमें से 3 को मनपा द्वारा नोटिस दी गई है। शेष सभी 7 क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा अब तक सर्वेक्षण ही नहीं कराया गया। कंस्ट्रक्शन विभाग ने इसके लिए चुनाव की वजह से कर्मचारियों की कमी को जिम्मेदार ठहराया है।

शहर में गांवठान भाग में कई पुरानी बिल्डिंग हैं। जब कंस्ट्रक्शन को लेकर कोई नियम नहीं थे, तब बिना अनुमति के बनाई गई कच्ची व पक्की बिल्डिंगों की संख्या भी उल्लेखनीय रूप से बहुत ज्यादा है। ये सभी बिल्डिंग सन 2,000 से पहले बनाई गई हैं। पिंपरी-चिंचवड़ में पुणे की तरह पुरानी चालें तथा मुंबई की तरह बहुमंजिली पुरानी बिल्डिंग तो नहीं, मगर कुछ बहुत खतरनाक तरीके से बनाई गई हैं। कुछ बिल्डिंगों का फाउंडेशन बहुत कमजोर है। नदी पाट में बिल्डिंग बनाई गई हैं। इन सभी ईमारतों की नाजुक स्थिति के चलते यदि मनपा द्वारा समय पर ध्यान नहीं दिया गया तो बारिश के दौरान इनके ढहने की आशंका है।

खुदाई ने खतरे को बढ़ाया
ड्रेनेज लाइन के लिए खुदाई के दौरान 4 मई को कासारवाड़ी में एक बिल्डिंग की कंपाउंड वाल ढह गई थी। इस दुर्घटना में एक छह वर्षीय बच्चे की मौत हो गई थी। इसी दिन नेहरूनगर में नाले के लिए  खुदाई के दौरान एक दीवार में दरार पड़  गई थी व एक गर्भवती महिला उसमें फंस गई थी। फायर ब्रिगेड ने पीड़िता को बाहर निकाला था। सर्विस लाइनों के लिए पूरे शहर में जगह-जगह खुदाई की जा रही है। फुटपाथ, सर्विस लाइन एवं गलियों में खुदाई की जा रही है। बारिश से पहले खुदाई रोक कर गड्ढों को पाटा जाना जरूरी है। ऐसा न किए जाने पर बारिश में दुर्घटनाओं की आशंका नागरिक व्यक्त कर रहे हैं।

खतरनाक बिल्डिंगों की जानकारी लेंगे : वैशाली ननावरे
कंस्ट्रक्शन विभाग की डिप्टी इंजीनियर वैशाली ननावरे ने कहा, ङ्गकंस्ट्रक्शन विभाग द्वारा सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को खतरनाक बिल्डिंगों की जानकारी देने का आदेश दिया गया है, मगर लोकसभा चुनाव के कार्यों की वजह से इसके लिए कर्मचारी उपलब्ध नहीं हो सके। अब सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को पुन: पत्र दिए गए हैं। उनमें से ङ्गईफ क्षेत्रीय कार्यालय ने जानकारी उपलब्ध कराई है। अन्य सभी क्षेत्रीय कार्यालय भी शीघ्र रिपोर्ट पेश करेंगे।