पिंपरी विधानसभा: राष्ट्रवादी के प्रथम विधायक बनसोडे ने लहराया बगावत का परचम

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – भारी सस्पेंस के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस ने पिंपरी और मावल विधानसभा से अपना पत्ता खोला। पिंपरी से नगरसेविका सुलक्षणा धर- शिलवन्त और मावल से भाजपा के बागी सुनील शेलके को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया गया। हालांकि चिंचवड़ और भोसरी विधानसभा को लेकर सस्पेंस बरकरार है। पिंपरी विधानसभा से सुलक्षणा धर की उम्मीदवारी की घोषणा होते ही भूतपूर्व विधायक अण्णा बनसोडे ने बगावत का परचम लहराया है। उन्होंने पार्टी के आला नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार से ‘मेरी क्या गलती थी’ सवाल उठाते हुए ऐलान किया कि वे कल (शुक्रवार) भारी शक्ति प्रदर्शन के जरिये बतौर निर्दलीय अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
नई संरचना के बाद पिंपरी चिंचवड़ शहर में तीन विधानसभा चुनाव क्षेत्र बने। इसमें से अनुसूचित जाति प्रवर्ग के लिए आरक्षित पिंपरी विधानसभा से पहले विधायक के तौर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के अण्णा बनसोडे चुनकर आये। गत चुनाव में उन्हें मात्र 2200 वोटों से हार का सामना करना पड़ा और शिवसेना के एड गौतम चाबुकस्वार को विधायकी की लॉटरी लगी। हालांकि हारने के बाद भी बनसोडे ने हिम्मत नहीं हारी और लोगों से संपर्क बनाए रखा। इस चुनाव में राष्ट्रवादी से उन्हें टिकट मिलने की उम्मीद थी मगर पार्टी ने आज सुलक्षणा धर-शिलवन्त को उम्मीदवारी घोषित की। इसके तुरंत बाद पूर्व विधायक बनसोडे ने एक संवाददाता सम्मेलन के जरिये बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया। यही नहीं कल वे अपना नामांकन पत्र भी दाखिल करने जा रहे हैं। उन्होंने हर हाल में चुनाव लड़ने का निश्चय करके अपनी जीत का विश्वास जताया है।
अण्णा बनसोडे पिंपरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र के पहले विधायक हैं। पुणे- मुंबई हाइवे पर दापोड़ी से निगड़ी तक 12 किमी क्षेत्र तक फैला यह चुनाव क्षेत्र सबमें छोटा चुनाव क्षेत्र है। झोपड़पट्टी बहुल इस क्षेत्र में स्थानीय गांववालों के साथ ही पिछड़े वर्गीय व मुस्लिम मतदाताओं संमिश्र मतदाताओं वाला चुनाव क्षेत्र है। 2014 के विधानसभा चुनाव में बनसोडे को शिवसेना के प्रत्याशी एड गौतम चाबुकस्वार से हार का सामना करना पड़ा। इसमें उनका ‘ओवर कॉन्फिडेंस’ सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना गया। इसी के चलते एड चाबुकस्वार को विधायकी की लॉटरी लगी और राष्ट्रवादी को अपनी एकमात्र हक की सीट से हाथ धोना पड़ा। बनसोडे भले ही चुनाव हार गए मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपने विधायकी के कार्यकाल में शुरू किए गए कई लोकोपयोगी उपक्रमों को उन्होंने जारी रखा और लोगों के साथ संपर्क भी बनाए रखा। घर-घर, बस्ती- बस्ती जाकर लोगों से मेलजोल, नए-पुराने कार्यकताओं से संपर्क, बैठकों का दौर शुरू रखा। यहां तक गत विधानसभा चुनाव के दौरान हुई गलतियों को पुनः न दोहराया जाय इसके लिए शुरू से ही एहतियात बरते हुए हैं। हमेशा चर्चा के घेरे में रहनेवाले बनसोडे की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट काफी चर्चा में है। उन्होंने एक भावुक पोस्ट के जरिये जनता से आशीर्वाद मांगा है। इसमें उन्होंने कहा है कि “तब पांच साल में जो वादे किए उन्हें पूरा किया। आपके और मेरे सपनों के पिंपरी के निर्माण के लिए और बहुत कुछ करना बाकी है, इसके लिए मुझे फिर एक बार आपके आशीर्वाद की जरूरत है।”