सूखे पर सियासत: पवार ने कसा तंज, क्या शुभ मुहूर्त के इंतजार में है सरकार?

पुणे | समाचार ऑनलाइन – महाराष्ट्र के कई हिस्सों में अनुमान से कम बारिश होने के चलते स्थिति गंभीर हो गई है, और इस गंभीर स्थिति का इस्तेमाल अब राजनीति के लिए किया जा रहा है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजीत पवार ने सोमवार को सूखे का मुद्दा उठाते हुए राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कई इलाकों में पानी की किल्लत अभी से शुरू हो गई है. किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ़ देखी जा सकती हैं, इसके बावजूद राज्य सरकार के मंत्री ने सूखे की घोषणा के लिए 31 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की है.

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इससे तो यही लगता है कि उन्हें घोषणा के लिए किसी अच्छे मुहूर्त का इंतजार है? दरअसल, सूखे की घोषणा करने संबंधी मांग को लेकर पवार और सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में राकांपा कार्यकर्ताओं ने नेहरू मेमोरियल हॉल से विभागीय आयुक्त कार्यालय तक मोर्चा निकाला. इस दौरान, पार्टी जिलाध्यक्ष प्रदीप गारटकर, जिला परिषद् के अध्यक्ष विश्वास देव्काते, रमेश थोरात, अशोक पवार, सरेश घुले, रूपाली, वैशाली नागवडे आदि उपस्थित थे.

पवार ने कहा कि कई राज्यों में सूखे की घोषणा की जा चुकी है, सिर्फ महाराष्ट्र सरकार की लेटलतीफी दिखा रही है. इससे पता चलता है कि सरकार गंभीर मुद्दों को लेकर कितनी संजीदा है. इस साल जलस्तर में कमी दर्ज की गई है, ये कुछ और नहीं बल्कि जलयुक्त शिवार कार्यक्रम की असफलता है. इस मामले को लेकर सरकार की सहयोगी शिवसेना भी टिप्पणी कर रही है, लेकिन केवल टिप्पणी से क्या होगा? राज्य के हालात के लिए भाजपा और शिवसेना दोनों बराबर के ज़िम्मेदार हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जनहित से जुड़ी उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक कदम नहु उठाया जाता है, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.