सूखे पर सियासत: मनसे कार्यकर्ताओं ने कुएं में उतरकर किया आंदोलन 

उस्मानाबाद | समाचार ऑनलाइन

महाराष्ट्र के कई जिलों में बारिश कम होने के चलते मराठवाड़ा, विदर्भ और उस्मानाबाद जिले में सूखे की आशंका बनी हुई है। उस्मानाबाद में खरीफ की फसल पर मंडराते खतरे ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरों को और चौड़ा कर दिया है। इस मुद्दे को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। राकांपा के बाद अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी सरकार को घेरने के लिए सूखे को मुद्दा बनाया है। मनसे ने उस्मानाबाद जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है।

इसके साथ कई और मांगों को लेकर आज मनसे कार्यकर्ताओं ने सूखे कुएं में उतरकर प्रदर्शन किया। देवेंद्र मगर और दादा कांबले के नेतृत्व में मनसे कार्यकर्ता उस्मानाबाद तालुका के वाघोली स्थित  कुएं में उतरे और सरकार विरोधी नारों के साथ उस्मानाबाद को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की।

क्या हैं मांगें?

मनसे की मांग है कि उस्मानाबाद जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए, किसानों को 50 हज़ार हेक्टर की मदद दी जाए, गांव-गांव में पानी का टैंकर उपलब्ध कराया जाए, छात्रों के शुल्क माफ किया जाएं।  इस आंदोलन में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेन के राहुल बचाटे, नीलेश जाधव, सौरभ देशमुख, धनंजय जाधव, विशाल कांबले, बालाजी रसाल आदि अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।