पुणे में हर जगह बिक रहे हैं घटिया दर्जे के मिल्क प्रोडक्ट्स

पुणे : समाचार ऑनलाइन – पुणे में घटिया दर्जे के दुग्धजन्य पदार्थ (मिल्क प्रोडक्ट्स) बेचे जाने की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. खाद्य व औषधि प्रशासन (एफडीए) ने घटिया पदार्थों को अच्छी गुणवत्ता के होने का लेबल लगाकर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचने वाली कैंप की प्रसिद्ध मॉडर्न डेयरी का भंडाफोड़ करने के बाद अब तासवड़े स्थित संतोष मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट पर छापा मारकर 10 लाख रुपये मूल्य का घटिया दर्जे का पनीर जब्त किया है.

एफडीए ने पुणे की मॉडर्न डेयरी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 1 लाख 23 हजार 691 रुपये मूल्य का घटिया क्वालिटी का दही, मलाई पनीर व क्रीम जैसे 561 किलो मिल्क प्रोडक्ट्स जब्त किये थे. ये पदार्थ सातारा जिले की कराड़ तहसील के तासवड़े एमआईडीसी स्थित संतोष मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट्स प्रा.लि. में बनाए जाने की जानकारी सामने आने के बाद एफडीए, सातारा कार्यालय की टीम ने वहां छापा मारकर लगभग 10 लाख रुपयों के पनीर का भंडार जब्त किया. वहां से 2 लाख 4 हजार 840 रुपये मूल्य की घटिया दर्जे की 1024.2 किलो मलाई पनीर व 7,49,172 रुपये कीमत की घटिया क्वालिटी की 4682.2 किलो क्रीम का भंडार बरामद किया गया था. मलाई पनीर के 240 ग्राम के पैकेट्स पर ङ्गमॉडर्न डेयरी, कैंप, पुणेफ नाम छपा हुआ था.

वास्तव में इस पनीर का उत्पादन कर्नाटक के महालीगपुर में किया जाता है, लेकिन इसे संतोष मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट्स प्रा.लि., तासवड़े, एमआईडीसी में प्रोडक्टेड बताकर बेचने के लिए सप्लाई किया जाता था.


गंदगी में बन रहे थे  सामान
जहां पर दूध व अन्य मिल्क प्रोडक्ट्स का उत्पादन किया जा रहा था, वहां बड़े पैमाने में गंदगी व कीट पाये गये. डेयरी में आये खाद्यपदार्थों के पैक करने के लेबल पर यह पाया गया कि मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग ङ्गमॉडर्न डेयरी कैंप, पुणेफ द्वारा की गई है. वास्तव में ङ्गमे. संतोष मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट्स प्रा.लि., तासवड़ेफ द्वारा उत्पादित दूध व दूध से बने पदार्थों की मार्केटिंग हेतु मॉडर्न डेयरी, पुणे को लाइसेंस न होने की बात भी सामने आई है.

यह कार्रवाई एफडीए-पुणे विभाग के सह-आयुक्त सुरेश देशमुख व सहायक आयुक्त (खाद्य) संपतराव देशमुख के मार्गदर्शन में खाद्य सुरक्षा अधिकारी रोहन शाह, अनिल पवार, युवराज ढेबरे व राहुल खंडागले की टीम ने की. बता दें कि सातारा के सुपुत्र के नाम से मशहूर सुरेश देशमुख द्वारा कार्यभार संभालने के बाद कई प्रसिद्ध कंपनियों पर छापेमारी हो रही है.

सोचकर पनीर खाए
यह पनीर आता है मैदा, पॉम ऑयल, बेकिंग पाऊडर, पुराने और बेकार हो चुके स्किम्ड मिल्क, डिटर्जेंट, सोडा के बायकार्बोनेट तथा सल्फ्यूरिक एसिड के घालमेल से. यह वही सल्फ्यूरिक एसिड है जिसका इस्तेमाल लेड-एसिड बैट्रियों, मेटल क्लीनर्स, ड्रेन क्लीनर्स तथा जंगरोधी (एंटी रस्ट) उत्पादों में होता है. ढेर सारी चीजों के इस मिश्रण को तब तक उबाला जाता है जब तक कि वह सेमी सॉलिड प्रोडक्ट का रूप ना ले ले. इसके बाद मिश्रण को किसी बर्तन में उड़ेल लिया जाता है, उसे पीटकर फैलाया जाता है और कुछ घंटों के लिए यों ही छोड़ दिया जाता है. आखिर में इस सामग्री को टुकड़ों में काटा जाता है और पनीर कहकर बेचा जाता है.