ठज प्लांट के जरिए लाखों लीटर पानी की चोरी

पुणे : समाचार ऑनलाइन – गर्मी बढ़ने के साथ ही शहर को पानी सप्लाई करने वाले बांधों के पानी का स्टॉक भी कम हो रहा है. इससे शहर पर पानी कटौती का संकट मंडरा रहा है. ऐसा होते हुए भी दूसरी ओर हर रोज सरेआम लाखों लीटर पानी की चोरी हो रही है. शहर के विभिन्न क्षेत्रों के साथ उपनगरों में चल रहे 40 से अधिक आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) प्लांट द्वारा मनपा के पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है. मनपा का पानी सप्लाई विभाग इस बारे में अनदेखी कर रहा है. अब तक एक भी कार्रवाई नहीं की गई है.

पानी के ब्रांड के नाम पर बड़ी कंपनियों को यह पानी सप्लाई की जाती है. पानी शुद्ध है या नहीं यह देखा नहीं जाता. मनपा की पाइपलाइन्स से गैरकानूनी कनेक्शन लेकर यह पानी लिया जाता है. साथ ही गैरकानूनी पद्धति से पानी की बॉटलिंग करने का धंधा भी तेज है, इसके बावजूद एक भी कार्रवाई नहीं करने की शिकायत मनपा के एक पदाधिकारी ने पानी सप्लाई विभाग से की है.

लेकिन पानी कटौती का संकट ध्यान में रखकर मनपा द्वारा अब गैरकानूनी नल कनेक्शन व गैरकानूनी पंप लगाकर पानी खींचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आश्चर्य यह कि आरओ प्लांट चलाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती. पिछले वर्ष इन स्थानों का स्टिंग ऑपरेशन कर पानी की चोरी पकड़ी गई थी, लेकिन उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई थी. जिससे शहर में इनकी संख्या और बढ़ गई है.

इस पानी व्यवसाय के बारे में अधिकारियों को भी उचित जानकारी नहीं है. मनपा प्रशासन के सूत्रों के अनुसार उनके बारे में ठोस जानकारी मिलने पर कार्रवाई करना संभव होगा. इस प्रकार के जवाब देकर प्रशासन पानी चोरी के मामले में कड़ी कार्रवाई करने में गंभीर नहीं है, यह दिखाई देता है.

फिल्टर और पैकेज्ड पानी की बड़ी मांग

गूगल या जस्ट डायल पर इस प्रकार के सैकड़ों व्यवसायियों की जानकारी उनके पते और संपर्क नंबर के साथ उपलब्ध हैं. लेकिन यह सूची मनपा को नहीं मिलती. पाषाण, डेक्कन, औंध, येरवड़ा, कात्रज, कोंढवा, हड़पसर, वड़गांव शेरी, विश्रांतवाड़ी, शिवणे व कोथरुड जैसे परिसर में इस प्रकार के आरओ प्लांट कार्यान्वित हैं. शादियों का मौसम होने से इस प्रकार के पानी की बड़ी मांग होती है. साथ ही विभिन्न कंपनियों में बड़ी मात्रा में पानी सप्लाई की जाती है. कुछ व्यवसायियों ने पानी के प्राइवेट टैंकरों के लिए आपस में क्षेत्र बांट लिए हैं, लेकिन ऐसे पानी माफियाओं पर कोई भी कार्रवाई नहीं होती.