राममंदिर राष्ट्रीय स्वाभिमान और गौरव का विषय; कानून बनाए सरकार

संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य 
मुंबई। समाचार ऑनलाइन
राम मंदिर राष्ट्रीय स्वाभिमान और गौरव का विषय है। जैसे सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया और भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद खुद प्राणप्रतिष्ठा में गए थे। इसी तरह सरकार को चाहिए कि वह मंदिर के लिए भूमि अधिग्रहीत कर उसे राम मंदिर निर्माण के लिए सौंप दे। इसके लिए सरकार कानून बनाए, यह मत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने व्यक्त किया।
मुंबई के केशव सृष्टि परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक आरम्भ हुई। यहां सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह सुरेशजी जोशी ने छत्रपति शिवाजी महाराज तथा भारत माता के चित्र को पुष्पांजली अर्पित किया। रामभाऊ म्हालगी सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. वैद्य ने कहा कि संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक प्रतिवर्ष दो बार होती  है। एक मार्च में और दूसरी दीपावली के पूर्व। 2 नवंबर तक चलने वाली ये बैठक इस बार मुंबई में हो रही है जिसमें देश भर से 350 प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
राम मंदिर मुद्दे से जुड़े सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि यह मुद्दा न हिंदू-मुस्लिम का है और न ही मंदिर-मस्जिद के विवाद का है। बाबर के सेनापति ने जब अयोध्या में आक्रमण किया तो ऐसा नहीं था कि वहाँ नमाज के लिए जमीन नहीं थी। वहाँ खूब जमीन थी, मस्जिद बना सकते थे। पर उसने आक्रमण कर मंदिर को तोड़ा था। पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में यह सिद्ध हो चुका है कि इस स्थान पर पहले मंदिर था। इस्लामी विद्वानों के अनुसार भी ज़बरदस्ती क़ब्ज़ाई भूमि पर पढ़ी गई नमाज़ क़बूल नहीं होती है और सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने फ़ैसले में कहा है कि नमाज के लिए मस्जिद जरुरी नहीं होती, ये कहीं भी पढ़ी जा सकती है।
डॉ. वैद्य ने बताया कि , 2010 से संघ ने कार्य विस्तार की विशेष योजनाएँ हाथ में ली है। संघ का कार्य दैनिक शाखाओं के माध्यम से विस्तारित किया जाता है। आज संघ की 55 हजार से अधिक शाखाएँ देश भर में लेह लद्दाख से लेकर त्रिपुरा और अंडमान तक संचालित हो रही है। संघ का कार्य देश भर के 850 जिलों और 6 हजार तहसीलों में फैला है। 90 प्रतिशत खंडों(तहसीलों) पर संघ की शाखाएँ नियमित रूप से चल रही है। विगत तीन वर्षों में मंडलों में 5 प्रतिशत की और शाखाओं में 3 प्रतिशत की वृध्दि हुई है। इस समय 31 हजार से ज्यादा स्थानों में शाखाएँ चल रही है, उनमें 82 प्रतिशत शाखाएँ ग्रामीण क्षेत्रों में व 12 प्रतिशत नगरीय क्षेत्रों में चल रही है।
इस बैठक में पर्यावरण और जल संरक्षण विषय पर विशेष ध्यान देने के लिए चर्चा होगी। स्वयंसेवक समाज को साथ लेकर इन मुद्दों पर कैसे काम करें इस पर विशेष चर्चा होगी।1998 से ग्राम विकास गतिविधि चल रही है। इसके कारण 600 गाँव में प्रत्यक्ष परिणाम देखने को मिला, इन गाँवों से मिले परिणामों के आधार पर 2 हजार गाँवों में विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। गौ संवर्धन गतिविधि के अंतर्गत भारतीय नस्ल की गायों का संरक्षण, गौ आधारित कृषि, गौ चिकित्सा आदि के प्रयोग चल रहे हैं। आज पूरी दुनिया में ब्राजील, न्यूज़ीलैंड में इसका महत्व बढ़ रहा है। 2010 के बाद इस दिशा में व्यापक स्तर पर कार्य शुरु किया गया है। अब तक 1500 नई गौशालाएँ शुरु की गई है। गौ अनुसंधान केंद्रों के माध्यम से गौमूत्र और गोबर पर प्रयोग किए जा रहे हैं।