दिवंगत सिपहसलारों के परिवार को सांत्वना देने पहुंचे आरपीआई सुप्रीमो

गांधीनगर के रहवासियों ने पुनर्वसन योजना में ध्यान देने की लगाई गुहार
पिंपरी। आरपीआई (आठवले गुट) में कार्यरत रहे अपने दिवंगत सिपहसलारों के परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना देने के लिए पार्टी सुप्रीमो और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले बीते दिन पिंपरी चिंचवड़ में पधारे थे। रविवार को पुणे में नियोजित कार्यक्रम में जाते वक्त उन्होंने निगडी में स्व. श्रीरंग जकाते, आनंदनगर में स्व.एम. पी. कांबले, लालटोपीनगर में स्व आत्माराम शिरोले व गांधीनगर में भूतपूर्व नगरसेवक स्व. लक्ष्मण गायकवाड के घरों में जाकर उनके परिवारों को सांत्वना दी।
पिंपरी गांधीनगर में पूर्व नगरसेवक स्व. लक्ष्मण गायकवाड के परिवार को सांत्वना देने के लिए पहुंचे आठवले से पिंपरी गांधीनगर रहिवासी संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने गांधीनगर झोपडपट्टी पुनर्वसन योजना की खामियों को बताया और इसमें ध्यान देने की गुहार लगाई। आठवले को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि स्थानीय नागरिकों का जीवनमान ऊंचा करने के लिहाज से मनपा की ओर से कोई उपाययोजना नहीं की गई। मनपा केवल बिल्डर और जमीनमालिक के हितों का जतन कर रही है। इस मौके पर दिलीप सालवे, प्रल्हाद कांबले, लक्ष्मण कांबले, आप्पा जोगदंड, वंदना यंकुले, सज्जनाबाई गायकवाड, छबू कांबले, तुकाराम वडमारे आदि उपस्थित थे।
ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले 40 से 50 वर्षों तक गांधीनगर में रहनेवाले निवासियों को प्रस्तावित पुनर्वास परियोजना में 550 वर्ग फुट का फ्लैट दिया जाना चाहिए। हालांकि, मनपा प्रशासन और आयुक्त श्रवण हार्डिकर ने मकान मालिकों और बिल्डरों के हितों को प्राथमिकता देते हुए, केवल 300 वर्ग फूट का फ्लैट देना प्रस्तावित किया है। सभी निवासियों द्वारा इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है। यहां दलित, शोषित और मेहनतकश वर्ग रहते हैं। इस पुनर्वसन परियोजना को लागू करते समय, स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए वाणिज्यिक दुकानों को स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता के रूप में वितरित किया जाना चाहिए।व्यावसायिक दुकानों के अलावा यहां धार्मिक स्थल, पार्क, स्कूल, अस्पताल, जिम, खेल के मैदान, अवकाश केंद्र, जो मानव जीवन के लिए आवश्यक हैं, को भी शामिल किया जाना चाहिए। आरपीआई के स्थानीय नेतृत्व द्वारा की गई इन सभी मांगों को नजरअंदाज करते हुए, प्रशासन ने समिति की मांगों को कूड़ेदान ल रास्ता दिखाया है, यह शिकायत भी की गई है।