आरटीसी बसें हैदराबाद में पांचवें दिन भी सड़कों से नदारद

 

हैदराबाद, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) की बसें हड़ताल की वजह से बुधवार को लगातार पांचवें दिन हैदराबाद और तेलंगाना के अन्य भागों में सड़कों से नदारद रहीं। वहीं कर्मचारियों ने हड़ताल को और बढ़ाने का निर्णय लिया है। राजधानी में कुछ बसें चलती दिखीं, लेकिन रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

हैदराबाद के दो बड़े बस अड्डो महात्मा गांधी बस स्टेशन(एमजीबीएस) और जुबली बस स्टेशन(जेबीएस) सुनसान रहे। सरकारी स्वामित्व वाली 10,400 बसों में से अधिकतर बसें पूरे राज्य के डिपो में खड़ी दिखीं, क्योंकि 48,000 से ज्यादा कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं। टीएसआरटीएस अधिकारी अस्थायी ड्राइवरों और अन्य कर्मचारियों की मदद से कुछेक सेवाओं का संचालन कर रहे हैं।

बुधवार को अवकाश होने की वजह से हड़ताल का लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ा, लेकिन पूरे राज्यों के गांवों और पड़ोसी आंध्रप्रदेश से दशहरा के बाद हैदराबाद लौट रहे लोगों को बस सेवा स्थगित होने की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।

हैदराबाद और निजामाबाद, करीमनगर व वारंगल जैसे बड़े शहरों के यात्रियों को गुरुवार से और ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जब यहां बठुकम्मा और दशहरा की छुट्टियों के बाद कॉलेज खुलेंगे।

सरकार ने 48,000 कर्मचारियों को छह अक्टूबर को हड़ताल खत्म करने की चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो उन्हें नौकरी से हटा दिया जाएगा, लेकिन कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म नहीं की और हड़ताल को और आगे बढ़ाने की धमकी दी है।

टीएसआरटीसी की संयुक्त कार्रवाई समिति(जेएसी) के नेताओं ने आगे की कदम के लिए हैदराबाद में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में अन्य कर्मचारी संगठनों और शिक्षक संघ के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है।

विपक्षी पार्टियों ने मामले को संभालने को लेकर सरकार की आलोचना की है। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव न केवल कर्मचारियों से बात करने से मना कर रहे हैं, बल्कि टीएसआरटीसी का सरकार में विलय करने की उनकी मांग को भी खारिज कर रहे हैं।

किसी भी बातचीत की संभावना से इनकार करते हुए केसीआर ने अधिकारियों से नए कर्मचारियों की नियुक्ति के आदेश दिए हैं। उन्होंने टीएसआरटीसी को तीन भागों में बांटने का निर्णय भी कर लिया है।