सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर केंद्र से नहीं पूछी कीमत, लेकिन….

नई दिल्ली | समाचार ऑनलाइन

सुप्रीम कोर्ट द्वारा राफेल डील पर आज फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में बिना नोटिस जारी किए केंद्र सरकार से निर्णय की प्रक्रिया को लेकर रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से राफेल विमान सौदे पर फैसले की प्रक्रिया का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में मांगा है। इसके साथ ही न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि उसे कीमत और सौदे के तकनीकी विवरणों से जुड़ी सूचनाएं नहीं चाहिए।  राफेल डील को लेकर कांग्रेस हमेशा केंद्र सरकार को घेर रही है।

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मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम राफेल की प्रक्रिया इसलिए पूछ रहे हैं, ताकि हम खुद को संतुष्ट कर सके। केंद्र को हम नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, बल्कि प्रक्रिया का विवरण मांग रहे हैं।

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राफेल याचिका पर केंद्र ने कहा –

केंद्र ने राफेल पर दाखिल जनहित याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि,  राजनीतिक लाभ लेने के लिए ये दाखिल की गई हैं और इन्हें खारिज किया जाए। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ शामिल हैं।

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राफेल डील पर यह याचिका –

इस याचिका में कहा गया कि,  सौदे को लेकर आलोचना का स्तर निम्नतम हो गया है और देश के प्रधानमंत्री की आलोचना करने के लिए विपक्षी पार्टियां अपमानजनक और अभद्र तरीके अपना रही हैं। इस मामले में अदालत से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा गया है कि, आलोचनाओं को विराम देने के लिए भारत सरकार और दासौ एविएशन के बीच हुए समझौते की जानकारी कम से कम अदालत को तो दी ही जानी चाहिए। इस तरह अदालत उस सौदे की सावधानी से जांच कर सकती है।

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