सत्तादल ने विपक्ष समेत ‘अपनों’ के आंखों में भी झोंकी धूल

211 करोड़ का वर्गीकरण स्थगित रख उपप्रस्ताव से 202 करोड़ का बजट वर्गीकरण का प्रस्ताव मंजूर
पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

211 करोड़ रुपए के बजट वर्गीकरण का जो प्रस्ताव पिछली सर्व साधारण सभा में हंगामे के चलते स्थगित रखा गया था। वही प्रस्ताव नौ करोड़ के विवादित वर्गीकरण को हटाकर बचे 202 करोड़ रुपए के बजट वर्गीकरण को उपप्रस्ताव के जरिए मंजूरी दी गई। पिंपरी चिंचवड़ मनपा के सत्तादल भाजपा का यह कारनामा विपक्षी दलों के साथ वर्गीकरण का विरोध जताने वाले उसके ‘अपनों’ की आंखों में धूल झोंकने के बराबर माना जा रहा है।
बहरहाल ऐन मौके पर दाखिल तकरीबन 265 करोड़ रुपए के बजट वर्गीकरण के पांच में से एक प्रस्ताव स्थगित रखा गया, एक मतदान और अन्य दो ‘पाशवी’ बहुमत के जोर पर पारित किया गया। इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने महापौर के आसन के समक्ष इकट्ठा होकर हंगामा किया और मानदंड छीनने की नाकाम कोशिश की। इस हंगामे में ही सत्तादल ने 202 करोड़ रुपए के बजट वर्गीकरण का उपप्रस्ताव पेश कर उसे भी मंजूरी दे दी और सभा समापन की घोषणा की।
बीती सप्ताह स्थायी समिति के जरिए मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने तकरीबन 265 करोड़ रुपए के बजट वर्गीकरण के पांच प्रस्ताव ऐन मौके पर दाखिल किए गए। इन प्रस्तावों पर विपक्षी दलों ने सत्तादल भाजपा को घेरने की पूरी तैयारी की थी, मगर खुद भाजपा की वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले ने उनके इंद्रायणी नगर प्रभाग में तीन सड़कों के चौड़ीकरण और कांक्रीटीकरण लिए किये गए वर्गीकरण पर आपत्ति जताई व मनपा आयुक्त को आड़े हाथ लिया। तब उनके प्रभाग के इन तीन कामों के समावेश वाले कुल 211 करोड़ रुपये के वर्गीकरण का प्रस्ताव स्थगित किया गया।
आज बचे हुए प्रस्तावों पर पुनः चर्चा हुई। हांलाकि पिछली सभा में विपक्ष के साथ सत्तादल के निशाने पर आए मनपा आयुक्त ने इन प्रस्तावों को वापस लेने संबन्धी पत्र पेश किया। ऐन मौके पर दाखिल प्रस्ताव वापस लेने की नौबत यह बात साबित करती है कि इन प्रस्तावों को इतनी जल्दबाजी में सभागृह में पेश करने की जरूरत न थी। सीमा सावले के साथ सत्तादल के इंद्रायणी नगर के दूसरे नगरसेवक विलास मड़ेगीरी ने उन तीनों सड़कों संबन्धी वर्गीकरण को जीरो करने की मांग की। राष्ट्रवादी कांग्रेस के विक्रांत लांडे और संजय वाबले ने भी इसका विरोध किया। हांलाकि यह प्रस्ताव स्थगित रहने से इसका फैसला अगली सर्व साधारण सभा में होने की बात स्पष्ट की गई।

वर्गीकरण के अन्य प्रस्तावों में से एक प्रस्ताव पर मतदान की मांग की गई, जिसे बहुमत के जोर पर पारित किया गया। अन्य दो प्रस्तावों को मंजूरी देने को लेकर की जा रही जल्दबाजी पर राष्ट्रवादी समेत विपक्षी दलों ने विरोध जताया। इसे नजरअंदाज करने से आक्रोशित विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और मानदंड छीनने की कोशिश की। इसी दौरान सत्तादल के सदस्य नामदेव ढाके ने 202 करोड़ रुपए के बजट वर्गीकरण का उपप्रस्ताव पेश किया, जिसे हंगामे में ही मंजूर किया गया। ये वही 211 वर्गीकरण के प्रस्ताव का हिस्सा है जो स्थगित रखा गया है और उसमें इंद्रायणीनगर संबन्धी विवादित 9 करोड़ के वर्गीकरण को घटा दिया गया।