युवाओं को नौकरी देने की मांग को लेकर सांकेतिक भूख हड़ताल 

वडगांव मावल | समाचार | मावल तहसील के आंबी, नवलाख, उंब्रे, उर्से, कान्हे व टाकवे बुद्रुक परिसर के औद्योगिक क्षेत्र के कारखानों में युवाओं को कारखानों में रोजगार देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप नाइक व शिवसेना तलेगांव दाभाड़े प्रमुख सुनील मोरे ने मावल पंचायत समिति चौक में मंगलवार को एक दिवसीय सांकेतिक भूख हड़ताल की. इस संबंध में मांगों का ज्ञापन तहसीलदार रणजीत देसाई को सौंपा गया है.

मावल तहसील के आंबी, नवलाख उंब्रे, उर्से, कान्हे व टाकवे बुद्रुक के औद्योगिक क्षेत्र में कारखाना स्थापित किया गया है. महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल ने इस कारखाने के लिए परिसर की जमीन अधिग्रहित की है. उस वक्‍त इसके कारण कई परिवार भूमिहीन हो गए थे. उन्हें काफी कम मुआवजा मिला. इस औद्योगिक क्षेत्र के कारखानों में स्थानीय युवकों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है. तहसील के बेरोजगार युवकों को रोजगार न देकर अन्य राज्यों से आए युवकों को रोजगार दिया जा रहा है. इनमें हाउस कीपिंग, कैंटीन, स्क्रैप व परिवहन आदि का ठेका बाहर के लोगों को ही दिया जा रहा है. उन लोगों का कई कारखानों में ठेका है. औद्योगिक क्षेत्र में गैरकानूनी स्क्रैप की दुकान खोली गई है. कामगारों और माल परिवहन के लिए एक ही कांट्रैक्टर को 20 से 25 वाहन दिए गए हैं. उनमें स्थानीय युवाओं को कोई मौका नहीं दिया जा रहा है. स्थानीय कामगारों को कभी भी काम से हटा दिया जाता है. जिससे वे बेरोजगार हो जाते हैं. एल एंड टी कंपनी ने अचानक 103 कामगारों को काम से निकाल दिया है.

 एक ही ठेकेदार को कई कारखानों की हाउस कीपिंग, कैंटीन व स्क्रैप के ठेके देना बंद करने, भूमिहीन हो चुके परिवारों को तुरंत नौकरी देने, मावल के 80 से 90 प्रतिशत युवाओं को औद्योगिक क्षेत्र के कारखानों में नौकरी देने आदि की मांगें की गई हैं. मांगों का ज्ञापन तहसीलदार रणजीत देसाई को सौंपा गया है. इसका तहसील के सामाजिक, राजनीतिक एवं अन्य लोगों ने समर्थन किया है. इस दौरान प्रदीप नाइक, सुनील मोरे, किशोर आवारे, एड्. राम शहाणे, नामदेव डफल, दत्ता काजले, दिगंबर कारके, एड्. सोमनाथ पवले, पांडुरंग तिखे, लहू ढेरंगे, अशोक वाघोले व नाथ चव्हाण आदि उपस्थित थे.
फोटो कैप्शन :स्थानीय औद्योगिक क्षेत्र के कारखानों में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए एक दिवसीय सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे प्रदीप नाईक, सुनील मोरे व दत्ता काजले आदि कार्यकर्ता