प्रभाग समितियों में एनजीओ के प्रतिनिधियों की नियुक्ति अगले दो महीने में हो : मुंबई हाईकोर्ट 

पुणे : समाचार ऑनलाईन – मनपा के नियमों के अनुसार क्षेत्रीय कार्यालय के प्रभाग समितियों में स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की नियुक्ति अगले दो महीने में पूरी करने का स्पष्ट आदेश मुंबई हाईकोर्ट ने दिया है। इस आदेश के बाद अब मनपा को 25 जून से पहले यह सारी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। मनपा कानून के अनुसार स्थानीय स्तर पर प्रभाग समिति स्थापित की जाती है। इस प्रभाग समिति में स्थानीय लोक प्रतिनिधि के अलावा स्वयंसेवी संस्थाओं के तीन प्रतिनिधि को मौका दिया जाता है। मनपा द्वारा इन सदस्यों की नियुक्ति में जान-बूझकर देरी की जा रही है। इससे कानून के प्रावधानों का उल्लंघन होने का दावा नागरिक चेतना मंच ने मुंबई हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर की थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और पुणे मनपा को पिछले साल सितंबर में नोटिस भेजा गया था, लेकिन इस पर दोनों की तरफ से कोई खुलासा नहीं किया गया। इसलिए मुंबई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नंदराजोग और एन।एम। जामदार की खंडपीठ ने पुणे मनपा के कानून के प्रावधानों के अनुरुप प्रभाग समिति की पूरी रचना को अगले दो महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है।

पुणे मनपा ने 2007 से 2012 और 2012 से 2017 के दोनों पांच वर्षीय टर्म में प्रभाग समिति में स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि की नियुक्ति करने के लिए करीब तीन वर्ष से अधिक का समय लिया। इसे विस्तृत जानकारी को आंकड़ों के साथ समिति ने कोर्ट के समक्ष रखा था। मनपा की तरफ से उदासीनता बरते जाने से स्थानीय स्तर पर नागरिकों के हितों में क्या निर्णय लिए जा रहे है? इसकी जानकारी नहीं मिल रही है। प्रभाग समिति के पूरी तरह से अस्तित्व में आए बिना ही काम किये जा रहे थे। इससे कानून का सीधा-सीधा उल्लंघन हो रहा था। इन प्रतिनिधियों की नियुक्ति में देरी होने की वजह से उन्हें मनपा की तरह पूरे 5 वर्ष का समय नहीं मिल पाता है। यह जानकारी भी कोर्ट के ध्यान में लाई गई। मनपा और राज्य सरकार को इस पर अपना जवाब देने के लिए पूरा समय दिया गया था, लेकिन न तो राज्य सरकार ने और न ही मनपा ने इस पर कोई खुलासा किया। इसलिए कोर्ट ने दो महीने में यह प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है।