विपक्ष के घेरने की तैयारी रही बेकार; सत्तादल हुआ ‘अपनों’ से बेज़ार

265 करोड़ के वर्गीकरण के प्रस्ताव पर सभागृह में छिड़ा महाघमासान
पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

ऐन मौके पर दाखिल किए गए 265 करोड़ रुपए के बजट वर्गीकरण के प्रस्तावों पर घेरने की विपक्षी दलों की तैयारियां तब बेकार साबित हुई जब सत्तादल को खुद अपनी ही नगरसेविका के ‘रूद्रावतार’ का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को पिंपरी मनपा की सर्व साधारण सभा में वर्गीकरण के प्रस्ताव पर मचे घमासान के चलते पहले 10 मिनट और बाद में 27 जून की दोपहर तीन बजे तक के लिए सभा स्थगित करनी पड़ी। इस सभा की अध्यक्षता महापौर नितिन कालजे नेे की।
हालिया स्थायी समिति में 265 करोड़ रुपए के बजट वर्गीकरण का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके तुरंत बाद सर्व साधारण सभा में उसे तत्कालिक प्रस्ताव (one k) के तौर पर दाखिल किया गया, जिसपर विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध जताया था। बुधवार को सभा स्थगित रखे जाने से विपक्ष ने आज की सभा में इस प्रस्ताव पर सत्तादल को घेरने की पूरी तैयारी की थी। हाँलाकि उनकी यह तैयारियां बेकार साबित हुई, क्योंकि खुद सत्तादल की वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले ने इस प्रस्ताव पर मनपा आयुक्त श्रावण हार्डीकर को आड़े हाथ लिया और जमकर फटकार लगाई। उनका ‘रुद्रावतार’ देखकर आयुक्त के साथ-साथ सत्तादल भाजपा भी अचंभित रह गया।
सभा के समक्ष जैसे ही वर्गीकरण का प्रस्ताव पेश हुआ, वैसे ही नगरसेविका सीमा सावले ने प्रस्ताव में उनके प्रभाग के तीन सड़कों का समावेश रहने को लेकर मनपा आयुक्त से जवाब मांगा। तीनों सड़कों के चौड़ीकरण और कांक्रीटीकरण के लिए 70 करोड़ रुपये का बजट इस वर्गीकरण के प्रस्ताव में शामिल था। पिंपरी चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण की सीमा के सड़कों का विकास उसी की निधि से करने की नीति की याद दिलाते हुए सावले इन सड़कों के चौड़ीकरण हेतु जगह ही उपलब्ध न रहने की ओर ध्यानाकर्षित किया। साथ ही उन्हें अंधेरे में रख यह प्रस्ताव लाने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई और आयुक्त से जवाब मांगा।
नाराजगी से ‘लात मारने’ तक पहुँची बात
इंद्रायणी नगर प्रभाग से ही राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवक विक्रांत लांडे ने भी प्रस्ताव का विरोध जताया। वहीं भाजपा के दूसरे नगरसेवक विलास मड़ेगीरी ने इन सड़कों के विकास की जरूरत बताकर प्रस्ताव का समर्थन किया। मनपा आयुक्त हार्डिकर और शहर अभियंता अम्बादास चव्हाण ने स्पष्टीकरण देने की कोशिश की। सभागृह नेता एकनाथ पवार ने प्रस्ताव स्थगित रखने की सूचना दी, मगर सीमा सावले का पारा कम न हो सका। गलत कामों की वजह से पार्टी बदनाम हो रही है, गलत तरीके से ही 150 से ज्यादा उपसुझाव पेश किये गए, जिसका भाजपा ने सदा से विरोध किया था। गलत काम आप करोगे और लोग जूते हमको मारेंगे। यह कहते हुए सावले ने अपने प्रभाग में इस तरह झूठ के सहारे गलत काम करने की कोशिश करने पर ‘कमर में लात मारने’ की धमकी भी दी। इस गहमागहमी का लाभ उठाने की कोशिश में पूर्व महापौर योगेश बहल और वरिष्ठ नगरसेवक भाऊसाहब भोईर ने सावले की भूमिका का समर्थन करते हुए प्रस्ताव पारित कराने की जल्दबाजी पर फटकार लगाई।