पार्सल की ऑनलाइन ट्रैकिंग के लिए जल्द शुरू होगा सिस्टम

पुणे : समाचार ऑनलाईन – पार्सल की ऑनलाइन ट्रैकिंग के लिए 2006 में पहली बार दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मार्गदर्शी प्रकल्प शुरू किया गया था। इसके बाद पुणे में इस प्रकल्प को लागू किया जाना था, लेकिन आज तक यह प्रणाली कागजातों पर ही है। इस सिस्टम को तैयार करने का काम जारी होने की जानकारी रेलवे अधिकारियों ने दी है।

दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 1 नवंबर 2006 को पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएमएस) पर अमल शुरू हो गया था। इस प्रोजेक्ट में मध्य रेलवे की पुणे सहित नागपुर, मुंबई व भुसावल रेलवे स्टेशनों को पहले चरण में शामिल किया गया था। दिल्ली में मार्गदर्शी प्रकल्प सफल होने के बाद अन्य जगहों पर इसकी शुरुआत करने का निर्णय लिया गया। लेकिन अब तक इस सिस्टम को अपडेटेड करने का काम जारी होने की वजह से इसे लागू करने में देरी हो रही है। इस सिस्टम के तहत पार्सल विभाग के लिए अलग से वेबसाइट तैयार किए गए है। इस वेबसाइट के जरिये नागरिकों के लिए अपने पार्सल की रियल टाइम ट्रैकिंग करना संभव होगा।

फिलहाल सारा काम कागजों पर होता है

फिलहाल पार्सल का सारा कामकाज कागजों पर होता है। ऐसे में नागरिकों को उनके पार्सल किस गाड़ी में रखे गए हैं? कहां तक पहुंचा है? किस स्टेशन पर उतरेगा? जैसी जानकारी नहीं मिल पाती है। पार्सल बुकिंग के रसीद पर नागरिकों द्वारा फोन नंबर दिया जाता है। सामान तय स्टेशन पर पहुंचने पर रेलवे कर्मचारी फोन करते हैं, लेकिन इसमें कई बार काफी देरी हो जाती है। फोन नंबर नहीं होने से नागरिकों को पार्सल विभाग में आकर जांच पड़ताल करनी पड़ती है। इसमें देरी होने पर जुर्माना भी भरना पड़ता है। नये सिस्टम की वजह से नागरिक इन झंझटों से मुक्त हो जाएंगे। पार्सल विभाग में पार्सल जाने के बाद उसे अलग से बारकोड दिया जाएगा। प्रोगेसिव रिफरन्स रिकॉर्ड (पीआरआर) नंबर मिलेगा। उसके आधार पर पार्सल को वेबसाइट के जरिये ट्रैकिंग कर पाएंगे। इस सिस्टम में फीस भरने की ऑनलाइन सुविधा होगी।

इस संबंध में मध्य रेलवे पुणे विभाग के सहायक वाणिज्य व्यवस्थापक संजय सिंह ने बताया कि दिल्ली में पीएमएस का परीक्षण सफल हो गया है। मध्य रेलवे में यह सिस्टम जल्द कार्यान्वित किया जाएगा। इसकी जांच चल रही है। यह सिस्टम शुरू होने के बाद नागरिकों को पार्सल ट्रैकिंग कर पाना संभव होगा।

पार्सल की पैकिंग मध्य रेलवे करेगी

फिलहाल नागरिकों को अपने पार्सल की पैकिंग करनी पड़ती है। टू-व्हीलर की पैकिंग पार्सल विभाग से बाहर कराने पर 350 से 450 रुपए तक खर्च होता है। नागरिकों के जेब ढीली होने की यह कहानीद अब खत्म होगी। रेलवे प्रशासन ने पैकिंग के कार्यों का टेंडर प्रक्रिया पूरी कर यह काम एक प्राइवेट संस्था को दिया है। उसे दर भी निश्चित करके दिए गए हैं। ऐसे में नागरिकों के लिए यह ज्यादा आसान होगा।