ये पौधे भी रखते हैं आपकी सेहत का ख्याल

दूषित हवा आपकी सेहत को किस हद तक प्रभावित कर सकती है, यह दिल्लीवालों से बेहतर भला कौन समझ सकता है। वैसे बात केवल अब दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, देश का तकरीबन हर शहर इस समस्या से जूझ रहा है। यही वजह है कि कंपनियों को इसमें भी बाज़ार नज़र आने लगा है और कई कंपनियों ने अपने एयर प्यूरीफायर मार्केट में उतार दिए हैं। यदि आपके पास पैसा है तो आप ये प्यूरीफायर खरीद सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे प्राकृतिक उपाय भी हैं जिनके लिए आपको ज्यादा पैसा खर्च करने की ज़रूरत नहीं है। पालमपुर स्थित काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायो रिसोर्स टेक्नोलॉजी (सीएसआइआर-आइएचबीटी) में किए गए अध्ययन में ऐसे ही कुछ पौधो का पता चला है, जो कि हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों को सोख लेते हैं।

इन्हें लगाएं
सीएसआइआर-आइएचबीटी पालमपुर ने ऐसे 12 पौधों को खोज निकाला है, जिनमें इस प्रकार के गुण पाए गए हैं। इन पौधों में इनमें एलोवेरा, एरिका पाम, बारवटन-डेजी (जरबेरा डेजी), बोस्टोन-फरन, गुलदाउदी, फिलोडेनड्रोन, इंग्लिश-आइवी, पीस लिली, रबर प्लांट, स्नेक प्लांट, लघु सेंसेवेरिया व वीपिंग फिग शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने पाया है कि रोजमर्रा की चीजें जैसे कि दीवारों के रंग, रेफ्रिजरेटर, माइक्रोवेव, डयोड्रेंट, बूट पॉलिस, अगरबत्ती, गैस, परफ्यूम, बिल्डिंग मैटीरियल, हीटर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों व सिगरेट के धुएं से हानिकारक गैसें कार्बन डाइऑक्साइड, बैनजीन, ट्राइक्लोरो थाइलीन, जाइलीन, टॉयलीन और कार्बन मोनोऑक्साइड आदि पैदा होती हैं। इन सभी गैसों को वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड (वीओसी) नाम दिया गया है।

कई तरह खतरा
वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड (वीओसी) के कारण आपकी सेहत कई तरीके से प्रभावित होती है। जैसे कि आंखों में जलन, जुकाम, गले में दर्द, दमा व निमोनिया आदि परेशानियां। वैज्ञानिकों के अनुसार यदि इन पौधों को घर में लगाया जाए, तो इन खतरों से बचा जा सकता है। ख़ास बात यह है कि हानिकारक गैसें सोखने के बाद भी इन पौधों के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं होता है।

ऐसे करते हैं काम
वैज्ञानिकों के अनुसार, ये पौधे पत्तों में मौजूद स्टोमेटा के जरिए गैसों को अवशोषित करते हैं और उन्हें जड़ों के माध्यम से मिट्टी तक पहुंचा देते हैं। हालांकि यह साफ़ नहीं है कि कौन सा पौधा कितनी गैस सोखता है और कितने पौधे कमरे में रखने चाहिए। इस पर अभी शोध चल रहा है।