बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ इस राज्य की सरकार ने उठाया यह कड़ा कदम

चंडीगढ़। समाचार ऑनलाइन

हरियाणा सरकार ने दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के आरोपियों के लिए एक नए सजा का प्रावधान किया है। इसके अनुसार दोष साबित होने तक ऐसे आरोपियों को अब वृद्धावस्था पेंशन, शारीरिक अशक्तता पेंशन और ड्राइविंग लाइसेंस तथा हथियार रखने का लाइसेंस जैसी सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। अगर ऐसे आरोपी सजा के हकदार हुए तो वे सभी सरकारी सुविधाओं के लिए अयोग्य करार दिये जायेंगे। हालांकि, राशन सुविधा से उनको वंचित नहीं किया जाएगा।

बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ यह कड़ा कदम हरियाणा की सरकार ने उठाया है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध करने वालों को सुधरने की चेतावनी देते हुए उन्होंने महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा व संरक्षा के मामले में हरियाणा को देश में अव्वल बनाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा व संरक्षा के लिए एक व्यापक योजना की शुरुआत स्वतंत्रता दिवस या इस साल रक्षाबंधन के अवसर पर 26 अगस्तर को शुरू की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्कर्म पीड़िता अगर सरकार द्वारा मुहैया करवाए गए वकील के अलावा मुकदमे की पैरवी के लिए किसी अन्य वकील की सेवा लेना चाहती है तो सरकार उसके लिए 22 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामलों में बाधारहित जांच का प्रावधान सभी थानों में होगा। जांच अधिकारी को दुष्कर्म के मामले की जांच एक महीने में और छेड़छाड़ मामले की जांच 15 दिनों में पूरी करनी होगी, अन्यथा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

खट्टर ने कहा कि दुष्कर्म, उत्पीड़न और मानसिक उत्पीड़न के 50 मामले जिन जिलों में लंबित होंगे वहां छह फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं जल्द ही पंजाब एवं हरियाणा के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात कर उनसे महिला का बयान दर्ज करवाकर सुनवाई किसी दूसरे दिन के लिए स्थगित नहीं करने के लिए अदालत को आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह करूंगा। खट्टर ने कक्षा नौ से 12 तक की छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने की भी घोषणा की।