टोल वसूली का पैसा जनता का है, इसका दुरुपयोग न हो: हाईकोर्ट

मुंबई/ समाचार ऑनलाइन

मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल वसूली पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 6 सितंबर तक अंतिम फैसला लेने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि टोल वसूली से प्राप्त धन जनता का है, और उसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। इस पैसे की रक्षा करना सरकार की ज़िम्मेदारी है और यदि कोई इसका दुरुपयोग करता है तो उसके खिलाफ कारवाई की जानी चाहिए।[amazon_link asins=’B016BVZOBQ’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’8cdbe9e6-7f9f-11e8-a493-25ca077d2750′]

गौरतलब है कि टोल वसूली पर रोक लगाने के लिए मनसे नेता नितीन सरदेसाई और आरटीआई कार्यकर्ता प्रवीण वाटेगावर ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि सितंबर 2016 में 1300 करोड़ रुपए ठेकेदार के बजाये सरकार के खजाने में आ सकते थे, यदि सरकार ने एक्स्प्रेस-वे को अपने नियंत्रण में लेने का फैसला लिया होता। याचिका में यह भी कहा गया है कि टोल वसूली के ठेके को रद्द किया जाए, क्योंकि ठेकेदारा ने अनुंबध के तहत मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट की लागत को वसूल लिया है। इसके बावजूद वह टोल वसूल रहा है, जो कि कानूनी रूप से गलत है।